Sonbhadra: दरवाजे पर बैठे थे सगे भाई, आसमान से टपकी मौत, बिजली ने तोड़ दी दोनों के जिंदगी की डोर
Sonbhadra News Today: खजुरा गांव में सोमवार की शाम गरज-तरज के साथ हुई बूंदाबांदी और तेज आंधी के दौरान गिरी बिजली ने दो सगे भाइयों की जान ले ली।
Sonbhadra: मानसून के दस्तक देने से पहले ही सोनभद्र में बूंदों के साथ मौतों का टपकना शुरू हो गया है। अनपरा थाना क्षेत्र के खजुरा गांव में सोमवार की शाम गरज-तरज के साथ हुई बूंदाबांदी और तेज आंधी के दौरान गिरी बिजली ने दो सगे भाइयों की जान ले ली। गंभीर रूप से झुलसने की हालत में परिवार के लोग उम्मीद बस डिबुलगंज स्थित संयुक्त चिकित्सालय लेकर पहुंचे जहां चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए देर शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया। घटना को लेकर खजुरा में कोहराम की स्थिति है।
बताते हैं कि भारी उमस और तपिश के बीच सोमवार की शाम चार बजे के लगभग कुछ देर के लिए मौसम सुहाना हुआ तो अनपरा थाना क्षेत्र के खजुरा गांव निवासी बनारसी अग्रहरी के पुत्र अमित कुमार अग्रहरि (25) और सतीश कुमार अग्रहरि (28) आसमान में छाई बदली के बीच हो रही हल्की बूंदाबांदी और तेजी से बह रही हवा का लुत्फ उठाने के लिए घर के बाहर दरवाजे पर बैठ गए। उसी दौरान अचानक से गरज-तरज के बीच गिरी बिजली ने दोनों को चपेट में ले लिया। इससे दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। इससे जहां परिवार में हड़कंप मच गया। वह गांव के लोग भी घटना को लेकर परेशान हो उठे।
आनन-फानन में उन्हें अनपरा के डिबुलगंज में स्थित संयुक्त चिकित्सालय ले आया गया जहां चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रशासन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिवार के लोगों से पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद शव का पंचनामा कराया और पोस्टमार्टम के लिए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी भेज दिया। प्रभारी निरीक्षक अनपरा श्रीकांत राय ने बताया कि आकाशीय बिजली की चपेट में आकर खजुरा निवासी दो सगे भाई अमित और सतीश की मौत हो गई है। शव के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
बताते चलें कि बारिश के आहट जहां किसानों के साथ ही जन सामान्य को खुशी से भर देती है। वहीं सोनभद्र के एक बड़े इलाके में इसकी आहट दहशत का कारण बनने लगती है। बारिश के दौरान बिजली गिरने के रूप में आसमान से टपकती मौत हर साल 40 से 50 जिंदगी असमय खत्म कर देती है। को देखते हुए ज्यादा प्रभावित इलाकों में तड़ित झंझावात सहित अन्य उपाय अपनाने को लेकर कई बार आवाज उठी। जिला प्रशासन की तरफ से इसके लिए प्रस्ताव भी शासन को भेजे गए लेकिन आकाशीय बिजली से होने वाली मौतों पर नियंत्रण के लिए अब तक कोई पहल सामने नहीं आ सकी है।