Sonbhadra News: नहीं मिल सका खेल का मैदान, विरोध में निकाला 35 किमी पैदल मार्च
Sonbhadra News: खफा खिलाड़ियों ने डाला से जिला मुख्यालय तक पैदल मार्च निकाला। वहीं कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर खेल मैदान के लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
Sonbhadra News: केंद्र और प्रदेश दोनों को प्रतिवर्ष करोड़ों का राजस्व देने वाले डाला एरिया को एक खेल मैदान तक की सुविधा नहीं मिल पा रही है। यह स्थिति तब है, जब यहां के खिलाड़ी अधिकारियों के साथ ही, क्षेत्रीय विधायक से लेकर मंत्री तक गुहार लगा चुके है। बावजूद अब तक उन्हें आश्वासनों के झुनझुने के सिवाए कुछ भी हासिल नहीं हो सका। इससे खफा खिलाड़ियों ने जहां डाला से जिला मुख्यालय तक पैदल मार्च निकाला। वहीं कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर खेल मैदान के लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। ‘खेल मैदान दो, खेल मैदान दो’ के जमकर नारे भी लगाए।
अभी तक गुहार का नहीं निकला कोई नतीजा
अगुवाई कर रहे नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अंशू पटेल का कहना था कि डाला नगर पंचायत एरिया में कोई भी खेल मैदान नहीं है। यहां पूर्व में खेल मैदान की सुविधा थी, लेकिन सीमेंट निगम के स्वामित्व वाली सीमेंट फैक्ट्री और उससे जुड़ी एरिया पर निजी कंपनी (अल्ट्राटेक) का आधिपत्य स्थापित होने के बाद यहां के युवाओं-खिलाड़ियों से यह सुविधा छिन गई। उसके बाद अधिकारियों के साथ ही क्षेत्रीय विधायक भूपेश चौबे, पूर्व खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद (योगी-2 सरकार में कैबिनेट मंत्री) तक गुहार भी लगा चुके हैं लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। कहा कि डाला की बड़ी जनसंख्या होने के बावजूद अनदेखी जा रही है। यहां ताइक्वांडों, किक्रेट, क्रिकेट, वालीबाल के अच्छे खिलाड़ी हैं।
आर्मी की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए दौड़ लगाने का एक ही जरिया हाइवे है, जिस पर हमेशा मौत का खतरा मंडराता रहता है। ऐसे में लोगों ने कहा कि लगातार अनदेखी को देखते हुए पदयात्रा का निर्णय लेना पड़ा है।
खेलकूद के जरिए नशे की प्रवृत्ति पर लगाया जा सकता है अंकुश
राज्य स्तरीय वॉलीबॉल खिलाड़ी प्रशांत पाल, पूर्व पहलवान अवनीश देव पांडेय, गोविंद भारद्वाज, राजेश पटेल, सुरेश कुमार, सुधीर पाठक, विकास जायसवाल, राकेश गुप्ता, सौरभ कुमार आदि का कहना था कि डाला में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। खेलकूद की व्यवस्था के जरिए युवाओं को नशे की प्रवृत्ति से भी दूर किया जा सकता है। यहां प्रदूषण के कारण लगातार बीमारियों का खतरा बना हुए है। बावजूद यहां खेल मैदान जैसी जरूरत की सुविधा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पदयात्रा में विवेक सिन्हा, रोहित, राहुल चौधरी, अजय निषाद, विनय गोंड़ आदि का कहना था कि अगर यहां खेल मैदान के साथ ही खेल से जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएं, तो डाला के खिलाड़ी भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते नजर आएंगे। बता दें कि डाला में जहां सीमेंट फैक्ट्री स्थापित है। वहीं, पत्थर खनन का हब होने के कारण भी यहां बड़ी आबादी निवास करती है।