Sonbhadra News: पति के साथ दर्शन कर लौट रही महिला के साथ किया था गैंगरेप, तीन दोषियों को मिली अंतिम सांस तक उम्रकैद
Sonbhadra News: सवा दो साल पुराने इस मामले की विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट एहसानुल्लाह खान की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई की।
Sonbhadra News: पति के साथ हनुमान मंदिर में दर्शन कर घर लौट रहे दंपति को जंगल में बंधक बनाकर, महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले तीन दोषियों को अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सवा दो साल पुराने इस मामले की विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट एहसानुल्लाह खान की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई की।
तीनों दोषियों अर्थदंड भी लगाया गया
पति के साथ मोटकी पहाड़ी पर स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन करके घर वापस लौटते समय कुल्हाड़ी से जान मारने का भय दिखाकर जंगल में सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले मे दोषसिद्ध पाते हुए तीनों दोषियों को जीवन के अंतिम सांस तक के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई। एससी/एसटी एक्ट में भी दोषी पाए गए अंगद केवट को एक लाख पांच हजार और मुन्नीलाल पनिका तथा श्यामलाल पनिका पर 55- 55 हजार अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह-छह माह अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख पीड़िता को प्रदान किए जाएंगे।
पहाड़ी से नीचे सूनसान इलाके में हुई थी वारदात
अभियोजन पक्ष के मुताबिक बभनी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति 16 मई 2021 को बीजपुर थान पहुंचा और एक तहरीर दी। उसके जरिए उसने अवगत कराया कि वह अनुसूचित जनजाति में आने वाली गोंड़ बिरादरी का व्यक्ति है। उसकी बेटी और दामाद 15 मई 2021 को बीजपुर थाना क्षेत्र स्थित मोटकी पहाड़ी पर हनुमान मंदिर में दर्शन करने के लिए गए हुए थे। दोपहर बाद दो बजे के करीब दर्शन करके पहाड़ी से नीचे उतरे तो वहां पर बभनी थाना क्षेत्र के सिसवा झापर गांव निवासी मुन्नीलाल पनिका, श्यामलाल पनिका और बीजपुर थाना क्षेत्र के धरतीडाड़ गांव निवासी अंगद केवट मिले। उन्होंने दामाद को कुल्हाड़ी से जान मारने का भय दिखाकर, बेटी को पास के जंगल झाड़ी में ले गए और वहां उसके साथ बारी-बारी सामूहिक दुष्कर्म किया। उसके बाद वहां से वह भाग गए। किसी तरह बेटी और दामाद घर आए तो आपबीती से अवगत कराया। मामला दर्ज कर पुलिस ने छानबीन की और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। मामले की सुनवाई करते समय अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनी। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर गैंग रेप के तीनों दोषियों को जीवन के अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता सी. शशांक शेखर कात्यायन ने मामले की पैरवी की।
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