Sonbhadra News: सर्द रात में सजी कौमी एकता की महफिल, चलता रहा कशिश-कहकहों का दौर
Sonbhadra News: इटावा से आए वीर रस के कवि गौरव चौहान ने कौमी एकता के जो खिलाफ बोलते हैं सदा, ये अवाम उनके विरुद्ध होके जाएगी..जैसी रचनाओं से देश की गंगा-जमुनी तहजीब का एहसास कराया।
Sonbhadra News: दुद्धी तहसील मुख्यालय पर लगातार 39वें साल काव्य रचनाओं के जरिए कौमी एकता की मसाल जलाई गई। सर्द रात में कशिश-कहकहों का दौर कुछ इस कदर चला कि, कब कार्यक्रम आधी रात को पार कर गया, पता ही नहीं चला। प्रतापगढ़ से पधारी श्रृंगार रस की कवियत्री प्रीति पांडेय ने जहां सरस्वती वंदना के जरिए, प्रस्तुति की शुरूआत की। वहीं, अधूरी बात में तुम साथ दो तो और बेहतर हो, रूप के आवरण हैं तुम्हारे नयन अब लड़ाई को छोड़ बैठे हैं, ..कभी जब नींद न आए तो मुझको याद कर लेना, हवा जब भी गजल गाए तो मुझको याद कर लेना, नहीं कहती मुझे चाहो मगर इतनी मेहर करना, किसी पर दिल अगर आ जाए तो मुझको याद कर लेना.. जैसी रचनाएं सुनाकर खूब वाहवाही लूटी।
गंगा-जमुनी तहजीब का एहसास कराती रही रचनाएं
इटावा से आए वीर रस के कवि गौरव चौहान ने कौमी एकता के जो खिलाफ बोलते हैं सदा, ये अवाम उनके विरुद्ध होके जाएगी..जैसी रचनाओं से देश की गंगा-जमुनी तहजीब का एहसास कराया। काशी के गौरव कवि दमदार बनारसी ने राम नहीं राम का चरित्र पूजते हैं हम, मित्रता निभाने वाला मित्र पूजते हैं हम, मां-पिता का मान रख काट लिया बनवास, ऐसे संस्कारियों का चित्र पूजते हैं हम.. जैसी रचनाएं.. सुनाकर भारतीय संस्कृति का चित्रण किया। कटनी, मध्यप्रदेश से आईं श्रृंगार रस की कवियत्री प्रियंका मिश्रा ने मुस्कुराते गुलाब लगते हैं, मुश्किलों का जवाब लगते हैं.., आगरा से पधारे ओज रस के कवि एलेश अवस्थी ने वर्दी पहने, सीना ताने, हाथों में संगीन लिए.., संत रविदास नगर के शायर कैशर परवेज ने अब तो बस सावन बरसे, वर्षों से नैना तरसे.., प्रयागराज से आए हास्य व्यंग्य के कवि बिहारी लाल अम्बर ने चलते-चलते सड़क पर मैं जाम न हो जाऊं, कोई खास बात कहके मैं आम न हो जाऊं.. जैसी कई रचनाएं सुनाई।
साहित्यिक मंचों से समाज को मिलती है नई दिशा: दयालु
इससे पहले कौमी समिति के तत्वावधान में आयोजित इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का मुख्य अतिथि राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुष मंत्रालय दयाशंकर मिश्र दयालु, विशिष्ट अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल, काशी प्रांत के पूर्व उपाध्यक्ष रमेश मिश्रा, हरिदत्त मिश्रा, ब्लाक प्रमुख दुद्धी रंजना चौधरी, नगर पंचायत अध्यक्ष कमलेश मोहन ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। आयोजन समिति की तरफ से अतिथियों-कवियों को अंगवस्त्रम भेंट कर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि राष्ट्रीय चेतना के ऐसे ही साहित्यिक मंचों से समाज को सही दिशा मिलती है। इसे निरंतर जारी रखने की आवश्यकता है।
कौमी एकता की मसाल जलाए रखने के लिए ऐसे कार्यक्रम जरूरी
एसडीएम निखिल यादव ने कहा कि मौजूदा दौर में ऐसे कार्यक्रमों की खासी सार्थकता है। रहे। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ भाजपा नेता श्रवण सिंह गोंड़ ने कहा कि दुद्धी जैसे अति पिछड़े क्षेत्र में इस तरह का आयोजन सराहनीय है। उन्होंने सभी का आभार प्रकट किया। चिकित्सा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए सीएचसी अधीक्षक डॉ शाह आलम अंसारी को मुख्य अतिथि ने सम्मान पत्र और अंगवस्त्रम् से नवाजा।
इन्होंने किया संचालन, इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार मु.शमीम अंसारी और काव्य संध्या का संचालन वीर रस के राष्ट्रीय कवि कमलेश राजहंस ने किया। मुख्य संरक्षक रविंद्र जायसवाल, अध्यक्ष रामलोचन तिवारी, डॉ केके चौरसिया, मदन मोहन तिवारी, सिबाए अध्यक्ष विष्णुकांत तिवारी, प्रभु सिंह एड, कुलभूषण पांडेय, अमरनाथ जायसवाल, देवेश मोहन, भीम जायसवाल, सुमित सोनी, संजू तिवारी, फतेहमुहम्मद खान, बालकृष्ण जायसवाल, नीरज जायसवाल, अभिनव बिट्टू, कौनन अली, रामपाल जौहरी सहित अन्य मौजूद रहे। सुरक्षा के मद्देनजर प्रभारी निरीक्षक मनोज सिंह की मौजूदगी अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के साथ पूरे समय तक बनी रही।