Sonbhadra News : पत्नी को जिंदा जलाकर मार डालने वाले पति को उम्रकैद, प्रताड़ना के दोषी सास-ससुर सहित चार को तीन-तीन वर्ष के कारावास की सजा

Sonbhadra News: न्यायालय ने सुनवाई के दौरान पाया कि मृतका की तरफ से मृत्यु पूर्व दिए गए बयान में कहा गया कि उसके साथ पति सहित अन्य ससुरालियों ने तीन-चार दिन तक लड़ाई की।;

Update:2025-03-03 20:29 IST

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Sonbhadra News: दहेज में महज एक लाख की रकम न मिलने पर विवाहिता को लगातार प्रताड़ित करने और उसे जिंदा जलाकर मार डालने के मामले में न्यायालय का बड़ा फैसला आया है। हत्या के दोषी पति को जहां उम्रकैद और 21 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। वहीं, सास-ससुर सहित चार को प्रताड़ना के लिए दोषी पाते हुए तीन-तीन वष्र की कैद और एक-एक हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया है।

ढाई वर्ष पुराने इस मामले की अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्लू 0अर्चना रानी की अदालत ने सोमवार को सुनवाई की। अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों, पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया और दोषी पति हसनैन को उम्रकैद और ससुर बलमू उर्फ अजीमुल्लाह खान, सास नजीरन उर्फ नजीर, देवर राजू खान उर्फ भद्दी तथा ननद रोबिना के लिए तीन-तीन वर्ष कारावास की सजा मुकर्रर की गई।

शादी के पांच साल बाद शुरू की गई दहेज की मांग:

जैबुन्निशा पत्नी मोहम्मद कासिम निवासी बभनौली थाना राबटर्सगंज ने आठ जून 2022 को पन्नूगंज थाने पहुंचकर पुलिस को एकइ तहरीर सौंपी। अवगत कराया गया कि उसने अपनी पुत्री चांदनी उर्फ सबा बेगम की शादी 12 वर्ष पूर्व मुस्लिम रीति-रिवाज से पन्नूगंज थाना क्षेत्र के बनौरा गांव निवासी हसनैन के साथ की थी। शादी के पांच साल बाद तक सब कुछ ठीक ठाक रहा। इस दौरान उसे एक बेटी और एक बेटा पैदा हुआ। इसके बाद ससुरालियों की तरफ से दहेज में एक लाख रुपये की मांग शुरू कर दी गई। आरोप है कि उसे मारने-पीटने, प्रताड़ित करने के साथ ही, जिंदा जलाकर मार डालने की धमकी दी जाने लगी।

बेेटी ने दी फोन पर मारपीट की सूचना, जला दिया गया जिंदा:

आरोपों के मुताबिक छह जून 2022 की रात 12 बजे उसकी मोबाइल पर उसकी पुत्री का फोन आया कि उसके साथ मारपीट की जा रही है। वह तत्काल उसके ससुराल पहुंची। वहां पता चला कि उसकी पुत्री को उसके पति हसनैन सहित अन्य ससुरालियों ने उसके मिट्टी का तेल छिड़क कर जला दिया है और उसे उपचार के लिए वाराणसी ले जाया गया है जहां से उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया। इसके बाद वह वाराणसी के कबीरचौरा हॉस्पिटल पहुंची जहां उसे उसकी बेटी ने बताया कि उसे पति सहित अन्य ससुरालियों ने मिट्टी का तेल छिड़क कर जला दिया है।

 पुलिस ने दिखाई होती तो संजीदगी तो शायद जिंदा रहती चांदनी:

सुबह उसने 112 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस और महिला मजिस्ट्रेट ने आकर बयान दर्ज किया। सात जून 2022 की दोपहर 12 बजे कबीरचौरा हॉस्पिटल में ही उसकी मृत्यु हो गई। दावा किया कि इससे पूर्व 13 सितंबर 2019 को भी इसी तरह की घटना को अंजाम दिया था जिसकी प्राथिमिकी थाना-पन्नूगंज में दर्ज कराई गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। कहा गया कि अगर उस दौरान मामले में कार्रवाई की गई होती तो शायद उसकी पुत्री जिंदा होती।

पहले जिंदा जलाया, फिर पानी डालकर बुझाई आगः

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान पाया कि मृतका की तरफ से मृत्यु पूर्व दिए गए बयान में कहा गया कि उसके साथ पति सहित अन्य ससुरालियों ने तीन-चार दिन तक लड़ाई की। काट देने, भगा देने, मार देने की धमकिंया दी और छह जून 2022 को मिट्टी का तेल डाल कर ने उसे जला दिया। जब वह भागने लगी तो उस पर पानी डाल दिया गया। इसके बाद ससुराल वाले उसे हॉस्पिटल ले गए। गांव के प्रधान द्वारा कहा गया कि वह यह बोले कि खुद से जली है, तभी इलाज होगा। जबरदस्ती अंगूठा लगवाया।

मृतका का उपचार करने वाले चिकित्सक ने अपने बयान में कहा कि उपचार के दौरान उसने मृतका से पूछा था कि वह कैसे जली है तो मृतका ने बताया था कि उसकी ससुराल वालों ने मिट्टी का तेल डालकर जला दिया है। वह बार-बार यहीं शब्द दोहरा रही थी। पोस्टमार्टम में शरीर पर एंटीमार्टम बर्न इंजरी आल ओवर बॉडी पाई गई और मृत्यु का कारण अत्यधिक जलने से मृत्यु होना बताया गया। अभियोजन की तरफ से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने की।

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