Sonbhadra News: 1600 मेगावाट वाली ओबरा डी को लेकर प्रक्रिया बढ़ी आगे, यूपीआरवीयूएनएल-एनटीपीसी संयुक्त रूप से करेंगे निर्माण

Sonbhadra News: योजना पर राज्य सरकार की तरफ से मुहर लगाए जाने के बाद, इसका निर्माण कार्य शीघ्र शुरू हो सके, इसको लेकर भी पहल तेज कर दी गई है।

Update: 2024-02-11 15:59 GMT

Sonbhadra News (Pic:Newstrack)

Sonbhadra News: राज्य विद्युत उत्पादन निगम और एनटीपीसी के ज्वाइंट वेंचर वाली 1600 मेगावाट की ओबरा डी परियोजना को लेकर पहल तेज हो गई है। परियोजना का जल्द शिलान्यास हो सके, इसके लिए मृदा परीक्षण का काम शुरू हो गया है। एनटीपीसी अधिकारियो की देख-रेख में चल रहे मृदा परीक्षण के कार्य मेती लाने के लिए परियोजना कालोनी क्षेत्र के कई स्थानों पर, मृदा परीक्षण की मशीनें लगा दी गयी हैं। वहीं, परियोजना के दायरे में आने वाले आवासीय कालोनियों के ध्वस्तीकरण कार्य को लेकर भी सर्वे शुरू कर दिया गया है। इससे कालोनियों-आवासों में रह रहे लोगों की धड़कन बढ़ी हुई है।

बताते चलें कि ओबरा में राज्य की स्वामित्व वाली ओबरा बी से विद्युत उत्पादन जारी है। वहीं, राज्य की स्वामित्व वाली ओबरा सी की भ पहली इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है। अब ओबरा में 1600 मेगावाट वाली ओबरा डी के नाम से नए बिजलीघर के स्थापना की कवायद चल रही है। यह परियोजना राज्य सेक्टर के साथ ही, केंद्रीय सेक्टर के एनटीपीसी के ज्वाइंट बेंचर में निर्मित की जाएगी। योजना पर राज्य सरकार की तरफ से मुहर लगाए जाने के बाद, इसका निर्माण कार्य शीघ्र शुरू हो सके, इसको लेकर भी पहल तेज कर दी गई है। माना जा रहा है कि फरवरी में ओबरा सी के लोकार्पण के लिए आ रहे सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से जहां ओबरा डी परियोजना का शिलान्यास किया जा सकता है। वहीं, जल्द से जल्द निर्माण का कार्य शुरू कराया जा सके, इसको लेकर एनटीपीसी की तरफ से मृदा परीक्षण और परियोजना निर्माण स्थल में आने वाले आवासों के ध्वस्तीकरण को लेकर सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

3106 आवास किए जाएंगे जमीदोंज, हजारों पेड़ों की होगी कटान

ओबरा डी निर्माण के लिए प्रस्तावित एरिया को खाली करने के लिए जहां 3106 परियोजना आवासों को जमीदोज किया जायेगा। वहीं, इस एरिया में मौजूदं हजारांे पेड भी काटे जाएंगे। इससे जहां ध्वस्तीकरण वाली एरिया में मौजूद आवासों में रह रहे परियोजनाकर्मियों-अधिकारियों की धड़कनें बढ़ गई हैं, वहीं इनके लिए नए आवास कब तक उपलब्ध होंगे, इसका भी जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।

अभियंताओं के सामने आवास को लेकर खड़ी हुई समस्या

ओबरा परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक ओैर महाप्रबंधक को छोड़कर शेष सभी आवास, ओबरा डी परियोजना के दायरे में आ रहे हैं। अचानक से आवास खाली करने की बनी स्थिति ने लोगों को हड़बड़ा कर रख दिया है। एक तरफ जहां अचानक से जीम-जमाई गृहस्थी को एक आवास में दूसरे आवास में ले जाने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वहीं, अभी तक नया कोई आवास निर्मित न होने के कारण, किराए पर भी बड़ी संख्या में आसानी से आवास उपलब्ध हो जाएंगे, यह एक बड़़ा सवाल बन गया है।

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