Sonbhadra News: बालू खनन, निर्देशों को ताक पर रखकर वनभूमि से बनाया जा रहा रास्ता, रास्ता कटवाने के बाद भी निर्माण से नाराजगी, जांच को भेजी गई टीम

Sonbhadra News: कोरगी में बालू खनन के लिए पट्टा आवंटित है। इस पट्टे की आड़ में जहां पूर्व में अवैध खनन के आरोप के साथ ही, पेनाल्टी लगाई जा सकती है। वहीं, तत्कालीन विधायक सहित अन्य की तरफ से भी नियमों-निर्देशों को दरकिनार कर नदी में बालू खनन के लिए बनाए जाने वाले रास्ते को लेकर नाराजगी-आपत्ति का इजहार किया जा चुका है।

Update:2024-10-03 18:40 IST

Sonbhadra News (Pic- Newstrack)

Sonbhadra News: पर्यावरण नियमों को ताक पर रखकर नदी के बीच अस्थाई रास्ता निर्माण कर बालू खनन को लेकर चर्चित रह चुकी कोरगी बालू साइट एक बार फिर नए सीजन से खनन की शुरूआत के साथ ही सुर्खियों में छा गई है। एक तरफ जहां वन विभाग की तरफ से वन भूमि से होकर रास्ता निर्माण पर रोक लगाने के साथ ही कई बार रास्ते को काटा जा चुका है। वहीं, सारी कार्रवाई-निर्देशों को ताक पर रखकर संबंधित बालू साइट से जुड़े लोग फिर से काटे गए रास्ते को दुरूस्त कर नदी में अस्थाई रास्ता निर्माण की जुगत में जुट गए हैं। बृहस्पतिवार की शाम जैसे ही, इसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हुई, हड़कंप मच गया। वन विभाग का दावा है कि प्रकरण संज्ञान में आते ही आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

बताते चलें कि कोरगी में बालू खनन के लिए पट्टा आवंटित है। इस पट्टे की आड़ में जहां पूर्व में अवैध खनन के आरोप के साथ ही, पेनाल्टी लगाई जा सकती है। वहीं, तत्कालीन विधायक सहित अन्य की तरफ से भी नियमों-निर्देशों को दरकिनार कर नदी में बालू खनन के लिए बनाए जाने वाले रास्ते को लेकर नाराजगी-आपत्ति का इजहार किया जा चुका है।

वन विभाग की तरफ से कई बार कटवाया गया रास्ता:

बताया जा रहा है कि जिस जगह से रास्ते का निर्माण किया गया जा रहा है, उस रास्ते में 40 मीटर से अधिक एरिया वन विभाग की है जिसमें बगैर अनुमति/एनओसी के लिए कोई स्थायी या अस्थायी रास्ते का निर्माण नहीं किया जा रहा है। इसे दरकिनार कर निर्माण किए जाने के कारण पिछले वर्ष तत्कालीन डीएफओ मनमोहन मिश्र की तरफ से रास्ता कटवा दिया गया था। तीन दिन पूर्व भी रास्ता निर्माण की सूचना मिलने पहुंची वन टीम ने पाटे गए रास्ते को दोबारा कटवाते हुए वन भूमि पर रास्ता निर्माण पर रोक लगा दी थी। बावजूद बृहस्पतिवार को फिर से इस रास्ते के निर्माण के लिए जहां पोकलेन गरजने लगी। वहीं, ट्रैक्टर के जरिए मिट्टी लाकर काटे गए रास्ते को पाटे जाने की कवायद शुरू हो गई।

वीडियो -तस्वीर वायरल होते ही वन विभाग हुआ सक्रिय:

जैसे ही बृहस्पतिवार की शाम इससे जुड़ी कथित वीडियो-तस्वीरें वायरल हुई, वन महकमे में हड़कंप मच गया। वन विभाग के रोक और रास्ता कटवाए जाने के बाद भी किसके शह और इशारे पर फिर से काटे गए रास्ते को पाटकर वन भूमि से होते हुए रास्ता निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई, इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं।

पखवाडे़ भर से बनी हुई है जद्दोजहद की स्थिति

लोगों का कहना है कि लगभग एक पखवाडे़ से रास्ता निर्माण को लेकर जद्दोजहद की स्थिति बनी हुई है। कोई अधिकारी रास्ते को कटवा रहे तो किसी की तरफ से मौखिक रूप से रास्ता निर्माण की छूट दे दी जा रही है। प्रकरण को लेकर वन विभाग की तरफ से क्या एक्शन लिया जा रहा? इसके बारे में जानकारी के लिए डीएफओ रेणुकूट भानेंद्र सिंह से संपर्क साधने की कोशिश की गई तो उनका सीयूजी और पर्सनल दोनों नंबर स्वीच्ड आफ मिला। वहीं, विंढमगंज रेंज इंचार्ज जब्बर सिंह से फोन पर जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि गत 31 सितंबर को उक्त रास्ते को कटवा दिया गया था। वन भूमि की 40 मीटर एरिया से किसी तरह का रास्ता निर्माण, परिवहन न किए जाने की हिरायत दी गई थी। नदी में धारा 20 की जमीन है जहा पर किसी प्रकार का रास्ता नहीं बनाया सकता। रोक और हिदायत के बावजूद कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। बृहस्पतिवार को फिर से रास्ता निर्माण की कथित कवायद पर कहा कि मामला संज्ञान में आया है। मौके पर जांच और आवश्यक कार्रवाई के लिए टीम भेजी गई है।

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