Sonbhadra News: खननकर्ताओं के लिए मायने नहीं रखते नियम-कायदे, तालाब में तब्दील कर दी नदी
Sonbhadra News: जिले में ऊंची रसूख रखने वाले कुछ खननकर्ता ऐसे हैं, जिनके लिए पर्यावरण से जुड़े नियम-कायदे मायने नहीं रखते। ताजा मामला खेवंधा के खंड ब का है।;
Sonbhadra News: जिले में ऊंची रसूख रखने वाले कुछ खननकर्ता ऐसे हैं, जिनके लिए पर्यावरण से जुड़े नियम-कायदे मायने नहीं रखते। ताजा मामला खेवंधा के खंड ब का है। हैदराबाद से जुड़ी इस बालू साइड को लेकर एक वीडियो सामने आई है। इसमें जहां मजदूरों की जगह, पोकलेन से बालू खनन होता दिख रही है। वहीं, रिहंद और ओबरा बांध के लिए पानी उपलब्ध कराने वाली रेणुका नदी की धारा की जगह, जगह-जगह तालाब-बावली जैसी शक्ल नजर आ रही है।
नदी की धारा से होकर बनाए गए रास्ते से ट्रैक्टर गुजरता दिख रहा है। यह हालत तब है, जब पर्यावरण के कड़े नियम निर्धारित हैं। निगरानी के लिए खान दफ्तर के अलावा क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कार्यालय संचालित है। डीएम चंद्रविजय सिंह भी पर्यावरणीय समिति और जिला स्तरीय बैठक में कई बार इसको लेकर निर्देश दे चुके हैं। बावजूद, इस सीजन में खनन शुरू होने के महज माह भर भर बाद, खेवंधा के खंड ब के पास से जिस तरह की तस्वीरें और वीडियो सामने आई हैं, उसने दावों को तार-तार कर दिया है।
विभागीय सूत्र बताते हैं खंड ब का पट्टा हैदराबाद से जुडी किसी कंपनी के नाम स्वीकृत है। जो वीडियो सामने आई है, उसी इसी स्वीकृत पट्टा स्थल के करीब का बताया जा रहा है। बताते हैं कि यहां खनन में पर्यावरणीय नियमों-जलीय पर्यावरण मानदंडों को तार-’तार तो किया जा रहा है कि यहां स्वीकृत साइट की आड में दूसरी जगह खनन-बालू लोडिंग की भी बात लंबे समय से चर्चा में है। कुछ लोगों की तरफ से इसको लेकर शिकायतें किए जाने की भी बात सामने आई है।
इस स्थल की जो ताजा वीडियो सामने आई हैं, उसमें जहां रेणुका नदी की तलहटी में कुछ झोपड़ियां लगी दिख रही हैं। वहीं, नदी में धारा की जगह, जगह-जगह खनन कर लगाए गए बालू के ढेर, तालाब-बाउली के शक्ल में जमा पानी, नदी की प्राकृतिक धारा से छेड़छाड़ कर बनाए गए अस्थाई रास्तों से वाहनों का आवागमन बना हुआ है। इस बारे में यहां बालू साइट से जुड़े कथित संचालकों-देखरेख करने वालों से जानकारी चाही गई तो उन्होंने किसी तरह की टिप्पणी से कन्नी काट ली।
वहीं, ज्येष्ठ खान अधिकारी राकेश बहादुर सिंह का कहना था कि नदी के प्राकृतिक स्वरूप से किसी भी रूप में छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, डीएम की तरफ से नदी की प्राकृतिक धारा के स्वरूप को परिवर्तित करने या किसी नदी की धारा को प्रभावित करते हुए, रास्ता बनाने-बांधने का कोई कार्य न करने को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। कहा कि संबंधित साइट और उसके पास बताए जा रहे खनन की जांच की जाएगी। अगर नियमों का उल्लंघन मिलता है तो कड़ी कार्रवाई होगी।