Sonbhadra Soap: जर्मनी तक पहुंचा सोनभद्र का उत्पाद, 'गोट मिल्क सोप' की बढ़ी डिमांड, निर्यात की तैयारी
Sonbhadra News: एनआरएलएम की तरफ से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के जरिए ग्रामीण उत्पादों को बढ़ावा देने की चल रही मुहिम को एक बड़ी सफलता मिली है। यहां बकरी के दूध से तैयार किया गया साबुन (गोट मिल्क सोप) जहां जर्मनी तक जा पहुंचा है।;
German's People (Pic: Newstrack)
Sonbhadra News: एनआरएलएम की तरफ से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के जरिए ग्रामीण उत्पादों को बढ़ावा देने की चल रही मुहिम को एक बड़ी सफलता मिली है। यहां बकरी के दूध से तैयार किया गया साबुन (गोट मिल्क सोप) जहां जर्मनी तक जा पहुंचा है। वहीं, स्कीन के लिए काफी फायदेमंद माने जाने वाले इस साबुन की जर्मनी से डिमांड भी आनी शुरू हो गई है। दूसरे देशों से दिखाई जाती दिलचस्पी को देखते हुए, एनआरएलएम की तरफ बकरी के दूध से निर्मित साबुन सहित अन्य उत्पादों की बड़े स्तर पर मार्केटिंग/निर्यात की तैयारी शुरू की गई है।
चंद माह पूर्व निर्मित साबुन की पहुंच हुई जर्मनी तक
चार जून 2023 को सोनभद्र आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनसभा में लगाई गई प्रदर्शनी के जरिए पहली बार यह साबुन के लोगों के सामने आया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव के पहले आयोजित किए गए विकसित संकल्प यात्रा कार्यक्रमों के दौरान इस साबुन की स्थानीय स्तर पर खासी मार्केटिंग की गई थी। बताते हैं कि कुछ लोगों के जरिए यह साबुन जर्मनी तक जा पहुंचा। वहां, जब एक समूह ने इसका प्रयोग किया तो उसके परिणाम काफी अच्छे आए। इसको देखते हुए अब वहां से इसकी डिमांड भी आनी शुरू हो गई है।
जर्मनी में खासा पसंद किया गया है गोट मिल्क सोप: कार्यक्रम प्रबंधक
एनआरएलएम के कार्यक्रम प्रबंधक एमजे रवि ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के जरिए बकरी के दूध से निर्मित (गोट मिल्क सोप) को देश के साथ विदेश में भी सराहना मिल रही है। जर्मनी जैसे विकसित देश में, इसे खासा पसंद किया जा रहा है। वहां के नागरिकों की तरफ से इसकी डिमांड भी आई है। इस साबुन की मांग करने वालों से एड्रेस सहित जरूरी जानकारियां मांगी गई हैं। जल्द ही मिल रही डिमांड पर, इस साबुन के निर्यात के साथ ही, इसकी बडे़ स्तर पर मार्केटिंग को लेकर भी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। बताते चलें कि इससे पहले बांस निर्मित उत्पादों को देश के साथ ही विदेश में खासी सराहना मिली थी कई जगह से अच्छी खासी डिमांड भी आई थी। अब बकरी के साबुन की देश के साथ ही विदेश में भी मांग सामने आई है। विभाग के लोगों का कहना है कि स्वयं सहायता समूह से जुड़े सोन बाजार के जरिए, की जा रही मांग की आपूर्ति कराई जाएगी।