Sonbhadra News: भाजपा विधायक को सजा मसले पर बोले पर्यटन मंत्री - कानून अपना काम करेगा, इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं
Sonbhadra News: पर्यटन राज्य मंत्री जयवीर सिंह ने न्यायालय ने जो आदेश दिया है उसका पूरा पालन होगा। मंत्री ने यह भी कहा कि इस मामले से पार्टी के रीति-नीति पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
Sonbhadra News: विकसित भारत संकल्प यात्रा में शिरकत करने के साथ ही पर्यटन की संभावना तलाशने के लिए आयुष राज्य मंत्री डॉक्टर दयाशंकर मिश्र दयालु के साथ सोनभद्र पहुंचे पर्यटन राज्य मंत्री जयवीर सिंह ने नाबालिक से दुष्कर्म मामले में सुनाई गई सजा पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार किया है। कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है। इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे मामलों को लेकर पार्टी की रीति-नीति पूरी तरह स्पष्ट है। विधायक के मामले में कानून अपना काम करेगा।
रामदुलार गोंड़ के खिलाफ पास्को एक्ट और दुष्कर्म जैसा गंभीर मामला विचाराधीन होने के बावजूद पार्टी की तरफ से उन्हें विधायक का टिकट दिए जाने को लेकर चौतरफा उठते सवाल पर कहा कि जब तक किसी मामले में किसी के खिलाफ न्यायालय से दोष सिद्ध नहीं हो जाता, तब तक उसे दोषी नहीं माना जाता। जिस वक्त टिकट दिया गया था उसे वक्त उन्हें इस मामले में दोषी नहीं पाया गया था। अब उनके खिलाफ सजा मुकर्रम हुई है तो इस मामले में जो भी कार्रवाई होगी वह की जाएगी।
मंत्री का दावा: इस मामले का पार्टी के रीति-नीति पर नहीं पड़ेगा कोई असर
एक तरफ भाजपा सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करती है। दूसरी तरफ उनका ही विधायक नाबालिक से दुष्कर्म का दोषी पाया जाता है, इस सवाल पर कहा कि विधायक के दुष्कर्म प्रकरण से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। न्यायालय ने जो आदेश दिया है उसका पूरा पालन होगा। मंत्री ने यह भी कहा कि इस मामले से पार्टी के रीति-नीति पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। मोदी सरकार महिलाओं को उनका अधिकार और उन्हें संरक्षण देने के लिए कटिबद्ध है। इसी कड़ी में लोकसभा और विधानसभा में भी महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का काम किया गया है।
विधायक को कोर्ट से सुनाई गई है 25 वर्ष कैद की सजा
बताते चलें कि म्योरपुर इलाके के रासपहरी गांव निवासी तथा दुद्धी विधायक रामदुलार को शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने नाबालिक से दुष्कर्म मामले में 25 वर्ष की कैद तथा 10 लाख अर्थदंड की सजा सुनाई थी। वहीं, अर्थदंड अदा न करने की दशा में तीन वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने का भी आदेश पारित किया गया था।