Sonbhadra News: कंपोजिट ग्रांट में बड़ा खेल, बगैर रंगाई-पोताई के निकाली रकम, मध्यान्ह भोजन में भी फर्जीवाड़े का आरोप

Sonbhadra News: कोरोना काल में यहां 200 से अधिक बच्चों का मध्यान्ह भोजन के लिए फर्जी विवरण दर्ज किए जाने का भी आरोप लगाया गया है। हालांकि बेसिक महकमा, मिड-डे-मिल मसले पर लगाए जा रहे आरोप को गलत बता रहा है।;

Update:2025-02-23 18:38 IST

Sonbhadra Symbolic Image News (Image From Social Media)

Sonbhadra News: बेसिक महकमे के कंपोजिट ग्रांट कोटे से खर्च की जाने वाली रकम को लेकर बड़ा खेल सामने आया है। पिछले दिनों जहां म्योरपुर ब्लाक के एक शिक्षक की तरफ से, विद्यालयों को सजाने-संवारने के लिए निर्धारित इस मद को लेकर बड़े सवाल उठाए थे। वहीं, म्योरपुर ब्लाक के तहत आने वाले शक्तिनगर क्षेत्र स्थित एक कंपोजिट विद्यालय में घपलेबाजी की पुष्टि से हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। कोरोना काल में यहां 200 से अधिक बच्चों का मध्यान्ह भोजन के लिए फर्जी विवरण दर्ज किए जाने का भी आरोप लगाया गया है। हालांकि बेसिक महकमा, मिड-डे-मिल मसले पर लगाए जा रहे आरोप को गलत बता रहा है। वहीं, प्रशासनिक सख्ती के बाद, कंपोजिट ग्रांट से जुड़ी रकम के रिकवरी की प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। हालांकि महकमे द्वारा स्वीकार की जा रही घपले की राशि और घपलेबाजी की बताई जा रही रकम में भी खासा अंतर है।

- यहां आकर इस मसले ने पकड़ा खासा तूल

पिछले वर्ष कोटा ग्राम पंचायत के प्रधान प्रमोद तिवारी की तरफ से जिलाधिकारी को शपथ पत्र सौंपकर, कंपोजिट विद्यालय कोटा पुनर्वास बस्ती के प्रधानाध्यापिका पर सत्र 2020-21 और 2021-22 में कंपोजिट ग्रांड के मद में आई लगभग तीन लाख की रकम में से एक लाख 80 हजार के गबन का आरोप लगाया था। दावा किया था कि इस रकम को प्रधानाध्यापिका द्वारा अनधिकृत तरीके से 17 मार्च 2023 को अपने पति के खाते में स्थानांतरित कर दिया गया। आरोप लगाया गया है कि वहीं, इस रकम के खर्च का फर्जी विवरण तैयार कर विभाग के सामने प्रस्तुत कर दिया गया। दावा किया गया कि इसके उलट एबीएसए की 04 जनवरी 2023 की आख्या में सामने आया है कि विगत वर्ग विद्यालय की रंगाई पोताई का कार्य कराया ही नहीं गया। निरीक्षण के वक्त रसोई घर और स्टोर रूम में गंदगी पसरी मिली।

-छात्र संख्या बढ़ाकर मिड-डे-मिल में गड़बड़ी का आरोप

इसी के साथ की गई दूसरी शिकायत में प्रधान प्रमोद तिवारी की तरफ से दावा किया गया कि संबंधित अवधि में मिड-डे-मिल के लिए कुल 401 बच्चे नामांकित दर्शाया गया लेकिन 210 बच्चों का कोई ब्यौरा नहीं किया गया। आरोप लगाया गया कि मध्यान्ह भोजन में छात्र संख्या बढ़ा कर एमडीएम के पैसे का दुरुपयोग किया गया है।



- बीडीओ म्योरपुर ने आरोपों को ठहराया सही

प्रकरण में की गई शिकायत पर डीएम की तरफ से मामले की जांच बीडीओ म्योरपुर को सौंपी गई। खंड विकास अधिकारी की तरफ से 27 सितंबर 2024 को आख्या उपलब्ध कराई गई जिसमें प्रधान की तरफ से की गई शिकायतों को सही बताया गया। इसको दृष्टिगत रखते हुए डीएम और सीडीओ स्तर से मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके क्रम में डीडीओ की तरफ से अक्टूबर 2024 में बीएसए को पत्र भेजकर प्रकरण में नियमानुसार कार्रवाई करते हुए शिकायतकर्ता को अवगत कराने के लिए कहा गया।

- कंपोजिट ग्रांड में मिले घपले की कराई जा रही रिकवरीः बीएसए

बीएसए मुकुल आनंद पांडेय ने फोन पर बताया कि कंपोजिट ग्रांट में लगभग 50 हजार का घपला मिला है, जिसकी रिकवरी के लिए पत्र जारी किया जा चुका है। दोपहर भोजन में, जिन 200 बच्चों का फर्जी विवरण बताया जा रहा है, वह ऐसे बच्चे थे, जो कोरोना काल में अपने माता-पिता के साथ घर चले आए थे। सरकार का आदेश ऐसे बच्चों को भी दोपहर भोजन उपलब्ध कराना था। जांच में वहीं बच्चे पाए गए हैं, इसलिए दोपहर भोजन वाले मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।

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