Sonbhadra News: वाहन रिलीजिंग फर्जीवाड़ा: तत्कालीन ARTO सहित तीन 'भगोड़ा' घोषित, 100 करोड़ से अधिक बताया जा रहा खेल

Sonbhadra News: न्यायालय से जारी 82 सीआरपीसी की नोटिस तामील कराने के बावजूद, उपस्थित ना आने पर तत्कालीन एआरटीओ पीएस राय सहित तीन को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है।

Update: 2023-05-14 10:56 GMT

Sonbhadra News: सोनभद्र में विभाग के फर्जी रिलीज ऑर्डर और न्यायालय की फर्जी रसीदें बनाकर बड़े स्तर पर थानों से छुड़ाए गए वाहनों के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। न्यायालय से जारी 82 सीआरपीसी की नोटिस तामील कराने के बावजूद, उपस्थित ना आने पर तत्कालीन एआरटीओ पीएस राय सहित तीन को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। मामले की जांच कर रहे म्योरपुर थानाध्यक्ष अविनाश कुमार सिंह के तरफ से इस मामले में तीनों के खिलाफ अलग से एक एफआइआर भी दर्ज कराई गई है।

बताते चलें कि 'न्यूज़ट्रैक' ने 19 जुलाई 2022 को सोनभद्र में बगैर परमिट और ओवरलोडिंग में सीज वाहनों को छुड़ाने में हुए बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। इसके बाद मामले में मौजूदा डीएम चंद्र विजय सिंह की सख्ती और विभागीय शिकंजा कसने के बाद तत्कालीन एआरटीओ पीएस राय की तरफ से म्योरपुर, हाथीनाला, चोपन, विंढमगंज और बभनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले में पुलिस ने जांच शुरू की तो कोरोना काल में आपदा को अवसर बनाकर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की बात तो सामने आई ही, बाहरी लोगों के साथ तत्कालीन एआरटीओ और तत्कालीन पटल सहायक को भी फर्जीवाड़े का दोषी पाया गया। इस मामले में अब तक आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है वहीं तत्कालीन एआरटीओ प्रवीण शंकर राय सहित तीन लोग फरार हैं। उनकी फरारी को देखते हुए पुलिस ने अदालत को वस्तुस्थिति की जानकारी दी थी।

इस पर अदालत से 82 सीआरपीसी की नोटिस जारी की गई थी। अप्रैल माह के पहले पखवाड़े में नोटिस का तामिला भी करा दिया गया था। बावजूद अब तक फरारी काट रहे मूलतः बलिया निवासी, वर्तमान में वाराणसी में रह रहे पीएस राय, राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के निपराज निवासी पंकज पटेल और उरमौरा निवासी वैभव मिश्रा के बारे में न तो पुलिस को कोई जानकारी मिल सकी है, न ही नोटिस तामिला कराए जाने के बाद उपरोक्त तीनों में से कोई न्यायालय में उपस्थित हुआ है। इसको देखते हुए प्रभारी निरीक्षक म्योरपुर अविनाश कुमार सिंह की तरफ से तीनों के खिलाफ धारा 174-ए आईपीसी के तहत म्योरपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

400 से अधिक वाहनों के छुड़ाने का मामला आ चुका है सामने

विभागीय जांच में जहां 100 से अधिक वाहनों को फर्जी रिलीज ऑर्डर पर छुड़ाए जाने की पुष्टि हो चुकी है। वहीं पिछले दिनों न्यायालय के नाम की फर्जी रसीदें बनाकर लगभग 300 वाहनों को छुड़ाए जाने का मामला सामने आया था। दोनों मामले में विभागीय संलिप्तता की चर्चाएं बनी हुई हैं। ऐसे में आगे की जांच में परिवहन विभाग के कुछ और अधिकारी और कर्मचारी फर्जीवाड़े के इस खेल में संलिप्त नजर आएं तो बड़ी बात नहीं होगी।

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