यहां ऐसे पता किया जाता है कि गर्भवती के पेट में क्या है, 400 साल पुरानी है ये परंपरा

जब कोई भी स्त्री प्रेग्नेंट होती है, तभी से सब सोचते हैं कि घर में न जाने कौन आने वाला है। आने वाला नन्हा मेहमान लड़की है या लड़का, सबको इस बात का वेट रहता है।

Update: 2019-12-25 08:57 GMT

लखनऊ: जब कोई भी स्त्री प्रेग्नेंट होती है, तभी से सब सोचते हैं कि घर में न जाने कौन आने वाला है। आने वाला नन्हा मेहमान लड़की है या लड़का, सबको इस बात का वेट रहता है। वैसे इसका पता सोनोग्राफी के जरिए भी लगाया जा सकता है, लेकिन ये कानूनी तौर पर अपराध है। आज-कल काफी डेवेलपमेंट हो रहे हैं। लेकिन झारखंड में एक ऐसा इलाका है जहां प्राचनी पंरपरा निभाई जाती है। झारखंड के लोहरदगा स्थित खुखरा गांव में एक ऐसी पहाड़ी भी है जो गर्भ में पल रहे नवजात लड़का है या लड़की इस बारे में बता देती है।

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बिना किसी खर्च के ऐसे करते है पता

वहां के स्थानीय लोगों का इस बारे में कहना है कि एक भी रुपये खर्च किए बिना हम यह पता कर सकते हैं। ये रिवाज यहां चार सौ साल पहले नागवंशी राजाओं के शासन काल से चली आ रही है। लोगों के मुताबिक ये पर्वत बीते 400 सालों से लोगों को उनके भविष्य के बारे में जानकारी दे रहा है। इस पर्वत के प्रति लोगों की बहुत श्रद्धा है।

वहां के लोगों का कहना है कि इस पहाड़ी पर चांद के आकारी की आकृति बनी हुई है, जो नवजात शिशु के लिंग के बारे में बताती है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस पहाड़ी पर पत्थर मारकर इस बात की जांच की जाती है। गर्भवती महिला एक निश्चित दूरी से पत्थर को इस पहाड़ी पर बने चांद की ओर मारती है।

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अगर पत्थर चांद के आकार के ठीक बीच में जाकर लगा तो यह समझा जाता है कि गर्भ में लड़का है और अगर वह पत्थर चांद के बाहर लगे तो माना जाता है कि गर्भ में पल रही नवजात लड़की है। लेकिन ये तरीका बिलकुल भी सही नहीं है। इससे बहुत से अपराध बढ़ जाते हैं।

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