सपा नेता मुलायम सिंह की मौत, पार्टी में शोक की लहर, कई नेता पहुंचे

यूपी के बांदा जिले के अस्पताल में जहरीला पदार्थ खाने पर भर्ती सपा नेता मुलायम सिंह यादव की बुधवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई । यह जानकारी आकस्मिक चिकित्सा सेवा अधिकारी (ईएमओ) ने दी है।

Update:2020-03-12 14:57 IST

लखनऊ: यूपी के बांदा जिले के अस्पताल में जहरीला पदार्थ खाने पर भर्ती सपा नेता मुलायम सिंह यादव की बुधवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई । यह जानकारी आकस्मिक चिकित्सा सेवा अधिकारी (ईएमओ) ने दी है।

जिला सरकारी अस्पताल के ईएमओ डॉ. विनीत सचान ने बताया, "सपा नेता और अतर्रा के नगर पालिका परिषद के सभासद मुलायम सिंह यादव (33) को संदिग्ध परिस्थितियों में जहरीला पदार्थ खा लेने पर इलाज के लिए यहां रविवार को भर्ती कराया गया था, बुधवार सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई है।" उन्होंने बताया, "पोस्टमॉर्टम के लिए शव पुलिस के सुपूर्द कर दिया गया है।"

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नगर कोतवाली के इंस्पेक्टर दिनेश सिंह ने बताया कहा कि, यह मात्र एक हादसा है या इसके पीछे कोई साजिश है, इसका अभी पता नहीं लग पाया है।

अस्पताल प्रशासन के द्वारा मौत की सूचना मिलते ही सपा नेता के शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने के बाद मामले की जांच की जाएगी। उधर इस घटना के सामने आने के बाद से पार्टी के नेताओं का मुलायम सिंह के घर पहुंचने का सिलसिला जारी है।

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सपा नेता शाकिर अली का लम्बी बीमारी से निधन

समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री और सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के सबसे बड़े सहयोगी साकिर अली का कुछ समय पहले लखनऊ में लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया था। उनके निधन की खबर सुनकर सपाइयों में शोक की लहर दौड़ गई थी। उनकी उम्र 67 वर्ष थीं। वे करीब एक माह से अस्पताल में भर्ती थे।

देवरिया के करजहाँ गांव के रहने वाले शाकिर अली ने बीएचयू से स्नातक किया था। बनारस में भी वे सक्रिय रहे। वहाँ से लौटने के बाद क्षेत्र में सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने लगे। वे 1989 व 1991 में गौरीबाजार से निर्दल चुनाव लड़े। 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में गौरीबाजार सीट बसपा के खाते में गई।

श्री अली बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीत गए। प्रदेश में सपा-बसपा की सरकार बनी। इसी सरकार में बाद में श्री अली शिक्षा मंत्री बने। गठबंधन टूटने व सरकार गिरने के बाद वे सपा में शामिल हो गए। उसके बाद से उन्होंने सपा में रहकर ही राजनीति की।

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