UP News: सपा विधायक इरफान सोलंकी की कड़ी सुरक्षा में बदली गई जेल, भावुक नजर आए नेता
UP News: समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी की जेल बदल दी गई है। उन्हें बुधवार को कड़ी सुरक्षा के साथ महाराजगंज जेल के लिए रवाना कर दिया गया है।
UP News: कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी की जेल बदल दी गई है। उन्हें बुधवार को कड़ी सुरक्षा के साथ महाराजगंज जेल के लिए रवाना कर दिया गया है। सपा विधायक को जेल शिफ्ट करने की जिम्मेदारी एसीपी बृजनारायण सिंह को सौंपी गई। वज्र वाहन और बंद गाड़ियों के काफिले में सैंकड़ों पुलिसफोर्स बैठे हुए हैं।
महाराजगंज रवाना होने से पहले सुबह विधायक का पूरा परिवार जेल परिसर के बाहर मौजूद था। इरफान जब जेल से बाहर निकले तो उन्हें देखकर परिवार रोने लगा। परिवार के लोग विधायक से बात करना चाहते थे लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। जेल से निकलते ही उनके लिए तैयार वाहन में उन्हें बैठाकर रवाना कर दिया गया। बताया जा रहा है कि शाम तक सपा विधायक महाराजगंज पहुंच जाएंगे।
इरफान से मिलने आए थे अखिलेश
पिछले दिनों सपा सुप्रीमो और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव इरफान सोलंकी से मिलने कानपुर जेल में पहुंचे थे। जेल में उन्हें देखते ही सपा विधायक सोलंकी फूट-फूट कर रोने लगे। तब अखिलेश ने उनके कंधे पर हाथ रखा और ढाढस बंधाया। उन्होंने विधायक को परेशान न होने की सलाह दी। सपा सुप्रीमो ने उन्हें इतिहास और लोहिया से जुड़ी किताबें पढ़ने को कहा।
इरफान पर दर्ज हैं कई मुकदमें
सपा विधायक इरफान सोलंकी पर 56 धाराओं में अब तक 14 मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। उनपर आगजनी, फेक आधार कार्ड रखने और बांग्लादेशी नागरिक को संरक्षण देने जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं। सपा विधायक की मुश्किलें तब बढ़ीं जब 12 दिसंबर को बांग्लादेश के खुलना निवासी रिजवान मोहम्मद उसकी पत्नी, दो बच्चों और ससुर को फर्जी दस्तावेज रखने के आरोप में कानपुर के मूलगंज इलाके में पकड़ा गया था।
पुलिस की जांच में पता चला कि सोलंकी ने बांग्लादेशी नागरिक रिजवान को गलत तरीके से प्रमाण पत्र जारी किए थे। जिसके बाद उसने फेक पासपोर्ट और आधार कार्ड बनवाया था। पुलिस को रिजवान के घर से 13 फेक पासपोर्ट, पांच आधार कार्ड, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, विदेशी मुद्रा और 14 लाख रूपये की नकदी और जेवरात मिले थे।
इरफान की जा सकती है विधायकी
इरफान सोलंकी पर जिन संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है, अगर वे उसमें दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। कई धाराओं में अधिकतम 7 साल तक की सजा है। जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, 2 साल से अधिक की सजा होने पर विधायकी रद्द हो जाती है। जैसा कि आजम खान और विक्रम सैनी के साथ हुआ।
सोलंकी कानपुर में मजबूत कद के नेता माने जाते हैं। उन्होंने साल 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई है। पीएम मोदी और सीएम योगी की लहर होने के बावजूद बीजेपी उन्हें 2017 और 2022 में जीत से नहीं रोक पाई। ऐसे में अगर इस सीट पर उपचुनाव की नौबत आती है तो सपा के लिए एक बड़ा झटका होगा।