बच्चों का पेट पालने के लिए अपनाया ये मर्दाना अंदाज, हे औरत! तेरे संघर्ष को सलाम
ऊपर की तस्वीर में जिस शख्स को आप देख रहे हैं उसके पीछे की सच्चाई जान कर आप भी हैरान रह जाएंगे।आप सोच रहे होंगे की मर्दाना कपड़ों में ये कौन खड़ा है। हम आपको बता दें की ये कोई मर्द
मुजफ्फरनगर: ऊपर की तस्वीर में जिस शख्स को आप देख रहे हैं उसके पीछे की सच्चाई जान कर आप भी हैरान रह जाएंगे।आप सोच रहे होंगे की मर्दाना कपड़ों में ये कौन खड़ा है। हम आपको बता दें की ये कोई मर्द नहीं बल्कि मुज़फ्फरनगर के जाट परिवार में जन्मी कमला है। जी हां,ये पुरुष नहीं बल्कि महिला है जो पिछले 25 साल से अपनी पहचान यूँ ही छुपाते फिर रही है।
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मुज़फ्फरनगर के मीरापुर दलपत इलाके में एक जाट परिवार में जन्मी कमला पहले इससे बिलकुल विपरीत थी। वो लंबे-लंबे बाल, रेशमी सूट और पटियाला सलवार। बिलकुल देसी लड़की हुआ करती थी कमला।कमला की शादी को कुछ ही वक्त गुज़रा था कि उसके पति की मौत हो गई।पति के बाद उसके जीने की वजह उसकी एक लौटी बेटी ही थी। मगर ससुरालवालों ने उससे वो भी छीनकर घर से निकाल दिया गया।
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कमला के माता-पिता की मौत के बाद उसके दो सगे भाइयों ने उसका साथ देने से इंकार कर दिया। उसका तीसरा भाई निशक्त था लेकिन उसने कमला को अपने घर में पनाह दे दी।हालांकि कुछ दिनों बाद कैंसर के चलते उसकी भी मृत्यु हो गई। उसके दो छोटे बच्चे थे। ‘ये बच्चे तुझे ही पालने हैं’, कहते हुए कमला का भाई भी चल बसा। भाई के आखिरी शब्द कमला के जहन में बैठ गए और कमला ने तय कर लिया कि कैसे भी करके भाई के बच्चों को जिंदा रखना है।
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जीने के लिए अपनाया मर्दाना लुक
-कमला के पास भाई की थोड़ी-बहुत खेती थी। गांव में रात में ही लाइट आती थी लिहाजा खेत में सिर्फ मर्द पानी लगाने जाते थे।
-एक महिला का वहां जाना किसी भी लिहाज से सुरक्षित नहीं था। आए दिन महिलाओं के साथ ‘अनहोनी’की खबरें सुनने को मिलतीं।
-कमला नहीं चाहती थी कि देर रात वहां मर्दों को किसी महिला की मौजूदगी का अहसास हो।
-यही वजह है की कमला ने खुद को पूरा बदल लिया और मर्द के लिबाज़ में रहकर खेती की और भतीजों का पेट पाला।
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कमला बताती हैं, मेरे बाल कमर तक लंबे थे और मुझे अपने बालों से बहुत प्यार था। जब खेत पर पानी लगाने का फैसला लिया तो कैंची उठाई और अपने हाथों से घने, लंबे बालों को काट दिया। कमला बताते हुए भावुक हो जाती हैं, बाल काटते वक्त मुझे बेहद तकलीफ हुई थी लेकिन उस वक्त मुझे कुछ और नहीं सूझ रहा था।
इस तरह मर्दों की बुरी नजरों से खुद को बचाने के लिए कमला को मर्द का भेष बनाना पड़ा। कमला ने अपने बाल काटे, मर्दों वाले कपड़े पहने और हाथ में लट्ठ लेकर जा पहुंची खेतों में पानी लगाने।
ऐसे मिली पढ़ने की प्रेरणा
एक दिन घर की सफाई के दौरान उन्होंने अपने भाई के बेटे की पढ़ाई की जरूरी फाइलें गलती से रद्दी समझकर फेंक दी। जब भतीजा आया तो बहुत रोया। भतीजे को परेशान देखकर कमला को बहुत दुख हुआ। उसे अहसास हुआ कि अगर वह पढ़ी-लिखी होती तो आज उससे इतनी बड़ी गलती न होती। इस घटना से कमला ने जीवन में पढ़ाई का महत्व सीखा और पढ़ने की ठानी।
ये सब काम करती हैं कमला
-कमला ने वो सारे काम किए जो खेत पर एक पुरुष करता है।
-खेतों में कड़ी मेहनत की, हल चलाया, फावड़ा चलाया, जानवारों को चारा-पानी कराने के साथ ही ट्रैक्टर चलाने तक का काम कमला ने अपने जिम्मे लिया।
-अगली स्लाइड में देखें, एक गलती ने कमला को कैसे पहुंचाया स्कूल।