इस मठ में हुई उन दिनों की चर्चा, जिस पर बात करने से हिचकती हैं लड़कियां, जानिए क्या?

Update: 2018-05-28 15:01 GMT
इस मठ में हुई उन दिनों की चर्चा, जिस पर बात करने से हिचकती हैं लड़कियां, जानिए क्या?

लखनऊ: मेंस्ट्रुअल यानि माहवारी ऐसा विषय है। जिस पर लड़कियां समाज में बात करने से हिचकती हैं। सदियों से इस समयावधि से गुजर रही महिलाओं और लड़कियों को अशुद्ध माना जाता रहा है। माहवारी का जिक्र होते ही महिलाओं से भेदभाव की तस्वीर उभरकर सामने आती है। पर राजधानी के डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मठ-मंदिर की श्रीमहन्त देव्या गिरि ने ऐसी पहल की है जो सदियों पुरानी बंदिशों को तोड़ रही है।

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देव्या चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से मनकामेश्वर मठ-मंदिर में "माहवारी "शर्म नहीं सेहत की बात" विषय पर सोमवार को संगोष्ठी आयोजित की गई। खुले मचं पर इस विषय पर चर्चा हुई। खास यह है कि इसका यह आयोजन श्रीमहन्त देव्या गिरि के सानिध्य में हुआ। उन्होंने सनातन समाज की परम्परा के अनुसार दीप प्रज्वलित कर चर्चा की शुरूआत भी की। माहवारी के संदर्भ में फैली विभिन्न भ्रांतियों व समस्याओं पर महिलाओं को एक स्वस्थ दृष्टिकोण देने के मकसद से यह आयोजन मनकामेश्वर मठ में आयोजित किया गया। इस दौरान एक सिंबोलिक सैनेट्री नैपकीन पर मौजूद लोगों ने साइन किया।

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मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप मे किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की पूर्व सीनियर नर्सिंग सुपरिटेंडेंट श्रीमती शशी बाला सिंह मौजूद थी। उन्होंने महिलाओं के माहवारी सम्बन्धी सवालों का जवाब दिया। नवयुग डिग्री कॉलेज की प्राध्यापिका डॉक्टर सृष्टि श्रीवास्तव ने महिलाओं को इस विषय के सामाजिक पहलू से रूबरू कराया।

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