3 दोस्तों ने MNC की जॉब छोड़ शुरू किया स्टार्ट-अप, 2 साल में खड़ी कर दी 75 लाख की कंपनी

Update:2018-07-25 16:12 IST

लखनऊ: दिल्ली के एक मल्टी नेशनल कम्पनी(एमएनसी) में काम करने वाले तीन दोस्तों ने जॉब छोड़कर 35 लाख रूपये से 'ट्रैक्यूला सर्विसेज' नाम से अपना स्टार्ट -अप शुरू किया। उनकी कम्पनी 'Dhundhoo' ऐप नाम से ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर बनाती है। दो साल के अंदर ही उनकी कम्पनी का सलाना टर्न ओभर 75 लाख रुपये से ऊपर पहुंच गया है। आज उनकी कम्पनी 14 शहरों में अपनी सेवाएं दे रही है।

ये भी पढ़ें...शादी के नाम पर रिश्ते वाले फेर लेते थे मुंह, चार साल में ऐसे बन गये करोडपति

ऐसे आया स्टार्ट -अप शुरू करने का आइडिया

कंपनी के एक फाउंडर मेंबर रोहित जैन बताते है, ''आए दिन सुनने या पढ़ने को मिलता है कि स्कूल बस किसी दुर्घटना का शिकार हो गई या फिर ड्राइवर बस को गलत रूट पर ले गया। ऐसी घटनाओं के कारण पैरेंट्स अपने बच्चों को लेकर चिंता में रहते हैं। इस कारण ही सरकार ने स्कूल बसों में कैमरा और जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया है''। बिजनेस के लिए आइडिया खोज रहे हम तीन दोस्तों में मैं, मनीष सेवलानी और स्वप्निल तामगाडगे को सरकार के फैसले में मौका दिखा और हमने अपनी MNC की नौकरी छोड़कर 2016 में ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर के फिल्ड में काम करने का फैसला किया। हम तीनों ने एनआईआईटी वारंगल से ग्रैजुएशन किया है। एक ही कॉलेज में पढ़ने की वजह से हमारी दोस्ती हो गई थी। ग्रैजुएशन करने के बाद हमने मल्टी नेशनल कंपनी में काम किया। हालांकि नौकरी के साथ अपना बिजनेस शुरू करने के लिए आइडिया की तलाश जारी रही।

35 लाख रुपये से शुरू किया स्टार्ट -अप

रोहित का कहना है कि इस बिजनेस को शुरू करने में 35 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट किया। यह रकम परिवार और दोस्तों से जुटाई गई। हमने व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम के लिए 'Dhundhoo' ऐप बनाया। इंटरनेट और स्मार्टफोन के यूजर्स बढ़ने से हमारे बिजनेस को फायदा मिला। वे देश भर के 40 से 45 स्कूलों को अपनी सर्विस दे रहे हैं। इसके जरिए स्कूल के 20,000 से ज्यादा अभिभावक सर्विस का उपयोग कर रहे हैं। इसके जरिए अभिभावक स्कूल बस को ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें...कभी 250 RS. महीने की सैलरी पर होटल में धोते थे बर्तन, आज है कंपनी के मालिक

स्मार्ट सिटीज को भी दे रहे सर्विस

रोहित के मुताबिक, ट्रैक्यूला सर्विसेज हैदराबाद में बन रहे स्मार्ट सिटीज को भी सर्विसेस प्रोवाइड कर रही है। ट्रैक्यूला सर्विसेस फिलहाल 14 शहरों में ऑपरेशनल है। इसमें दिल्ली, अजमेर, आगरा, हैदराबाद, नैलोर, बेंगलुरू, कोयंबटूर, विशाखापट्टनम, नागपुर, वारंगल शामिल है। इसके अलावा 500 व्हीकल को ट्रैकिंग सर्विस उपलब्ध करा रहा है।

हर साल कर रहे 75 लाख रुपये की कमाई

रोहित और उनके दोस्त अब स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन पर फोकस बढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि कंपनी ब्रेक इवन यानी मुनाफे में आ चुकी है। सवा दो साल में कंपनी का टर्नओवर 75 लाख रुपये हो चुका है। इस ऐप का हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर इन्होंने इन हाउस डेवलप किया है, जिससे कॉस्ट खासी बच गई।

अमेरिका में बिजनेस बढ़ाना लक्ष्य

ट्रैक्यूला सर्विसेज अब अमेरिका में अपना बिजनेस बढ़ाना पर भी फोकस कर रही है। इसके लिए कंपनी ने एक अमेरिकी कंपनी से टाइअप किया है। इसके जरिए कंपनी वहां ट्रैकिंग सिस्टम का बिजनेस बढ़ाएगी।

 

 

 

 

 

 

Tags:    

Similar News