लखनऊ: प्रदेश सरकार आगामी 21 और 22 फरवरी को इंवेस्टर समिट की तैयारियों में जोरशोर से जुटी हुई है। सरकार का अनुमान है कि अगर वो उद्योगपतियों को रिझाने में कामयाब हो गई तो यूपी के लोगों के लिए रोजगार के नए रास्ते और संभावनाएं खुलेंगी। वे यहां अपना उद्योग लगाकर केन्द्र सरकार के मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेक इन यूपी के सपने को पूरा करने में सरकार की मदद करेंगे। दूसरी तरफ सूबे में ऐसे इनोवेटर्स की भरमार है, जिन्हें अपने जनोपयोगी इनोवेशन में सरकार से मदद की दरकार है। अपना भारत के सुधांशु सक्सेना ने ऐसे ही कई इनोवेटर्स से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि अपने प्रदेश के इनोवेटर्स को नजरअंदाज करके सरकार आखिर किस तरह के मेक इन यूपी का सपना देख रही है, यह बात उनकी समझ से परे है। पेश है एक रिपोर्ट।
केस 1: मात्र 300 रुपये की सेफ्टी डिवाइस
सरकारी सहायता न मिलने के चलते राधेश्याम इस जनोपयोगी डिवाइस को लोगों तक सुलभ नहीं करवा पा रहे हैं। हाल ही में यूपी महोत्सव में उन्होंने अपनी इस डिवाइस का प्रदर्शन भी किया था। 1090 के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नवनीत सिकेरा ने भी इसे देखा और इसकी सराहना की थी। जब राधेश्याम ने महोत्सव में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस डिवाइस के बारे में बताना चाहा तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया था। राधेश्याम का कहना है कि सरकार को हमारे जैसे इनोवेटर्स को बढ़ावा देना चाहिए, तभी मेक इन इंडिया, मेक इन यूपी को बढ़ावा मिलेगा। अभी तक कोई सरकारी मदद न मिलने से उन्हें निराशा हुई है।
केस 2: मिनी डिवाइस से पैदा हो सकती है बिजली
एक्टिव होते ही ये रोल करेगा, इसी रोलर के साथ एक डायनेमो सिस्टम लगा होगा। रोलर बार-बार रोल होता रहेगा और डायनेमो इस रोलिंग से जनरेट होने वाली ऊर्जा को डीसी करेंट में कन्वर्ट करता रहेगा। इतना ही नहीं ये खास सर्किट इस तरह धीरे-धीरे पैदा होने वाली बिजली को चार्जेबल बैट्री में स्टोर करता रहेगा। इस एक सर्किट किट से औसतन 20 से 25 वोल्टेज बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। इसकी मदद से जहां एक ओर सडक़ पर लगी स्ट्रीट लाइटों को जलाने के लिए अलग से इंतजाम नहीं करना पड़ेगा वहीं एक इलेक्ट्रिसिटी बैकअप तैयार करके उसका सही समय पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस किट को मात्र 1000 रुपये में तैयार किया गया है। आनंद पांडे का कहना है कि ये इनोवेशन सरकार की बिजली संबंधी समस्याओं का निराकरण कर सकता है।
केस 3: एंटी एक्सीडेंट डिवाइस से कम होंगी दुर्घटनाएं
सरकार से मदद की दरकार
युवा इनोवेटर राधेश्याम पांडेय ने बताया कि हम लोग बहुत मेहनत से तकनीक पर काम करते हैं। इसके बाद इसे डेवलप करने में जीजान लगा देते हैं। यूपी में इंवेस्टर समिट करके बड़े निवेश की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है। ऐसे में हम जैसे युवा इनोवेटर्स को यदि सरकरार थोड़ा सहयोग कर दे तो मेक इन यूपी के सपने को हम जैसे लोग ही साकार कर देंगे। अगर मौका मिले तो हम लोग टेक्नोलॉजी की नई इबारत लिख सकते हैं।
गांवों से ढूंढकर लाते हैं प्रतिभाएं
नवप्रवर्तन केंद्र के इनोवेशन ऑफिसर संदीप द्विवेदी ने बताया कि यूपी में बहुत प्रतिभा है। वे इस प्रतिभा को गांव-गांव जाकर जिला विज्ञान क्लब के सहयोग से खोज कर लाते हैं। इन सबकी एक प्रदर्शनी भी लगवाते हैं। ऐसे लोगों को प्रोडक्ट पेटेंट करने में मदद की जाती है, लेकिन इनके प्रोडक्ट की उपयोगिता या सरकार द्वारा इनकी स्वीकार्यता में दिक्कत होती है। उनका कहना है कि निश्चित रूप से कई प्रोडक्ट बहुत बेहतरीन हैं। ये सभी इनोवेटर्स अपने आप में अनोखे हैं। इस प्रतिभा का देश हित में बेहतरीन उपयोग किया जा सकता है। सरकार से मदद मिलने पर इन सभी युवा इनोवेटर्स के हौसलों को नई उड़ान मिलेगी।