Electricity Workers Work Boycott: बिजली कर्मियों का प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू
Electricity Workers Work Boycott: ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये व दमनात्मक कार्यप्रणाली के विरोध में बिजलीकर्मियों ने पूरे प्रदेश में अपना विरोध दर्ज कराया।
Electricity Workers Work Boycott: ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये व दमनात्मक कार्यप्रणाली के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओं के समाधान के लिए सभी ऊर्जा निगमों (energy corporations) के तमाम बिजलीकर्मियों ने आज अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार प्रारंभ कर दिया। बिजलीकर्मियों ने बीती शाम 5 बजे पूरे प्रदेश में मशाल जुलूस निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया। राजधानी लखनऊ में हाइडिल फील्ड हॉस्टल (Hydel Field Hostel in Lucknow) में पूरे दिन विरोध सभा हुई और शाम 5 बजे सैकड़ों मशाल प्रज्वलित की गई।
संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों में टकराव के लिए शीर्ष प्रबंधन की नकारात्मक व हठधर्मी कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही चेयरमैन पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए मा ऊर्जा मंत्री जी से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेंद्र सिंह गुर्जर, जी वी पटेल, जय प्रकाश,गिरीश पांडेय, सदरुद्दीन राना, सुहेल आबिद, पी के दीक्षित, चंद्र भूषण उपाध्याय, मो इलियास, महेन्द्र राय, सनाउल्लाह, पी एन तिवारी,मो वसीम,राम सहारे वर्मा, सुनील प्रकाश पाल, ने आज जारी बयान में बताया कि आम जनता को तकलीफ न हो अतः कार्य बहिष्कार के प्रथम चरण में उत्पादन गृहों, पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों, सिस्टम ऑपरेशन, और 33 केवी विद्युत उपकेंद्रों में पाली में कार्यरत बिजली कर्मियों को कार्य बहिष्कार आंदोलन से अवमुक्त रखा गया है।
बिजलीकर्मियों की समस्याओं की उपेक्षा
उन्होंने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की हठधर्मिता और बिजलीकर्मियों की समस्याओं के प्रति उपेक्षात्मक रवैये के कारण आज पूरे प्रदेश के बिजलीकर्मी संघर्ष के रास्ते पर है, यदि ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबंधन द्वारा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए द्विपक्षीय वार्ता से समस्याओं का समाधान निकालने वाली कार्यप्रणाली अपनाई गई होती तो ऊर्जा निगमों में यह टकराव उत्पन्न न होता और न ही ऊर्जा की परफॉर्मेंस व रेटिंग गिरती। ऐसा प्रतीत होता है कि शीर्ष प्रबंधन द्वारा सरकार को वास्तविक तथ्यों के विपरीत गुमराह किया जा रहा है जिस कारण टकराव का वातावरण बना है।
30 नवंबर को भी कार्य बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन
बिजलीकर्मियों ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण और पूर्णरूप से लोकतांत्रिक है और मात्र ध्यानाकर्षण के लिए है, इस आंदोलन के लिए जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार है, जो जनता के बीच सरकार व बिजलीकर्मियों की छवि खराब कर रहे है। पदाधिकारियों ने आगे बताया कि कल 30 नवंबर को भी कार्य बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
बिजलीकर्मियों ने यह भी चेताया कि यदि शांतिपूर्ण आंदोलन पर या किसी भी बिजलीकर्मी पर कोई दमनात्मक या उत्पीड़न की कार्यवाही करने की कोशिश भी की गई तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।
Sonbhadra News: कार्य बहिष्कार कर बिजली कर्मियों ने निकाला मशाल जुलूस, किया प्रदर्शन
ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के कथित स्वेच्छाचारी रवैये व दमनात्मक कार्यप्रणाली तथा बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओं के समाधान को लेकर ऊर्जा निगमों के तमाम बिजलीकर्मियों ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार प्रारंभ कर दिया। देर शाम जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में जगह-जगह मशाल जुलूस निकालकर विरोध दर्ज कराया। धरना-प्रदर्शन के जरिए भी आवाज उठाई गई।
जिला मुख्यालय पर संयुक्त संघर्ष समिति के जिला संयोजक एसके सिंह, एक्सईएन विद्युत सर्वेश कुमार सिंह, अरूण कुमार सिंह, कृपाशंकर यादव, धर्मेंद्र कुमार सिंह, अभिषेक कुमार कौशल, श्रवण कुमार सिंह, अतिकुर रहमान, तीरथराज, रामेंद्र पांडेय, अमित कुमार गुप्ता, राजेश जायसवाल, सुरेश कुमार यादव, कमलेश कुमार बिंदु, अंबुज प्रजापति, अनुज कुमार, सत्यप्रकाश, सिद्धार्थ, अंबिकेश सहित अन्य विद्युतकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन और जुलूस में मजबूती से उपस्थिति दर्ज कराई।
अधीक्षण अभियंता विद्युत मंडल कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने के साथ ही शाम को कार्यालय से मशाल जुलूस निकालकर शीतला मंदिर चौक, बढ़ौली चौक होते हुए लल्लू चौक पर समापन किया गया। 10 सूत्री मांगों पर आवाज उठाते हुए कहा कि अगर इसकी अविलंब पूर्ति नहीं की गई तो यह बहिष्कार अनिश्चित काल तक किए जाने का निर्णय लिया जा सकता है।
उधर, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारी राजीव सिंह, जितेंद्र सिंह गुर्जर, जीवी पटेल, जयप्रकाश, गिरीश पांडेय, सदरुद्दीन राना, सुहेल आबिद, पीके दीक्षित, चंद्र भूषण उपाध्याय, मो. इलियास, महेंद्र राय, सनाउल्लाह, पीएन तिवारी, मो. वसीम, राम सहारे वर्मा, सुनील प्रकाश पाल ने जारी बयान में बताया कि आम जनता को तकलीफ न हो इसलिए कार्य बहिष्कार के प्रथम चरण में उत्पादन गृहों, पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों, सिस्टम ऑपरेशन, और 33 केवी विद्युत उपकेंद्रों में पाली में कार्यरत बिजली कर्मियों को कार्य बहिष्कार आंदोलन से अवमुक्त रखा गया है।
बताया कि 30 नवंबर को भी कार्य बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। यह भी चेताया कि यदि शांतिपूर्ण आंदोलन पर या किसी भी बिजलीकर्मी पर कोई दमनात्मक या उत्पीड़न कार्यवाही करने की कोशिश भी की गई तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।
Mahoba News: महोबा में 15 सूत्रीय मांगों सहित निजीकरण के विरोध में विद्युतकर्मियों ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कार्य बहिष्कार करते हुए प्रदर्शन किया है। कीरत सागर स्थित विद्युत उपकेंद्र में धरने पर बैठे कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए निजीकरण के विरोध में आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात कही है। कर्मचारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन कर मशाल लेकर जुलूस भी निकाला है। आपको बता दें कि महोबा में विद्युत विभाग के सभी कर्मचारी आज कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन कर रहे हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है। विद्युत कर्मियों के उत्पीड़न और निजीकरण को लेकर विद्युतकर्मियों में नाराजगी है। यहीं वजह है कि कार्य बहिष्कार कर रहे कर्मियों ने हाथों में तख्तियां लेकर अपनी मांगों की आवाज़ को मुखर किया है। हक को लड़कर लेने की बता कर रहे कर्मचारियों ने मांगे पूरी न होने पर आगे भी कार्य बहिष्कार पर बड़ा आंदोलन करने की बात कही। शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाते हुए निजीकरण को रोकने की मांग की गई है। इस विरोध प्रदर्शन में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को भी विद्युतकर्मियों ने उठाया है।