हाथरस कांड की आड़ में दंगे की साजिश: STF ने जांच की तेज, PFI के आरोपियों पर शिकंजा
एसटीएफ ने गुरुवार देर रात हाथरस पुलिस से इस मुकदमें से जुडे़ दस्तावेज लिए है और सोशल मीडिया पर हाथरस की घटना को लेकर भड़काऊ मैसेज देने वाले अकाउंट का ब्यौरा भी इक्ठ्ठा किया है।
लखनऊ: बीते बुधवार को हाथरस में दलित युवती के साथ दुष्कर्मकांड की आड़ में राज्य में दंगों की साजिश की जांच मिलने के बाद गुरुवार को स्पेशल टास्क फोर्स पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। एसटीएफ ने तीन जिलों हाथरस, मथुरा और अलीगढ़ में अपनी जांच शुरू कर दी है। एसटीएफ ने चंदपा थाने में दंगे की साजिश के लिए बीती 04 अक्टूबर को दर्ज मुकदमें में अब मथुरा से पकड़े गए कट्टरपंथी संगठन पीएफआई के चारों आरोपियों के नाम भी जोड़ दिए है। इसके साथ ही एसटीएफ ने गुरुवार देर रात हाथरस के बूलगढ़ी गांव का दौरा और घटनास्थल का मुआयना भी किया।
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हाथरस पुलिस से इस मुकदमें से जुडे़ दस्तावेज लिए है
एसटीएफ ने गुरुवार देर रात हाथरस पुलिस से इस मुकदमें से जुडे़ दस्तावेज लिए है और सोशल मीडिया पर हाथरस की घटना को लेकर भड़काऊ मैसेज देने वाले अकाउंट का ब्यौरा भी इक्ठ्ठा किया है। बताया जा रहा है कि एसटीएफ इन चारों आरोपियों से पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की अर्जी भी न्यायालय में लगायेगी।
इससे पहले पीएफआई व सीएफआई के चारो आरोपियों में से केरल निवासी पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को छोड़ कर शेष तीनों आरोपियों की जमानत याचिका बीती 19 अक्टूबर को सीजेएम न्यायालय ने खारिज करते हुए इनकी न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी थी। जबकि आरोपी पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत अर्जी दाखिल नहीं की गई थी।
तीनों आरोपियों के वकीलों ने जिला न्यायालय में जमानत की अर्जी लगाई थी
इसके बाद इन तीनों आरोपियों के वकीलों ने जिला न्यायालय में जमानत की अर्जी लगाई थी। इसके बाद बीते गुरुवार यानी कल हाथरस कांड को लेकर यूपी में दंगा भड़काने की साजिश रचने के आरोप में मथुरा से गिरफ्तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के चार सदस्यों में से एक रामपुर निवासी आलम की जमानत पर सुनवाई के लिए हुई आनलाइन पेशी में न्यायालय ने क्राइम ब्रांच के विरोध पर उसकी जमानत पर सुनवाई एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है, अब आलम की जमानत पर आगामी 29 अक्टूबर को सुनवाई होगी। इस मामलें में बहराइच निवासी मसूद की जमानत पर आगामी 28 अक्टूबर को सुनवाई होनी है।
एसटीएफ अभी और साक्ष्य जुटाना चाहती है
गुरुवार को एडीजे-10 के न्यायालय में हो वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से हो रही पेशी में क्राइम ब्रांच ने आलम की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि जांच एसटीएफ को दे दी गई है और एसटीएफ अभी और साक्ष्य जुटाना चाहती है। इस पर न्यायालय ने एसटीएफ को एक जांच अधिकारी नियुक्त करने और इस मामलें के दस्तावेज पेश करने का निर्देश देते हुए आगामी 29 अक्टूबर तक सुनवाई स्थगित कर दी।
यूपी में खुफिया एजेंसियों के अलावा हाथरस से जुड़े सभी जनपदों को अलर्ट मोड पर थी
बता दे कि हाथरस काण्ड के बाद यूपी में खुफिया एजेंसियों के अलावा हाथरस से जुड़े सभी जनपदों को अलर्ट मोड पर थी। इसी दौरान 05 अक्टूबर की रात करीब 11 बजे मथुरा में मांट टोल प्लाजा पर वाहनों की चेकिंग में एक स्विफ्ट डिजायर कार (डीएल 01 जेडसी 1203) को रोका गया। कार में चार लोग सवार थे। पूछताछ के दौरान इनकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं।
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जिस पर उन्हें हिरासत में लेकर तलाशी ली गई। तब पता चला कि इनके संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एवं उसके सहसंगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से है। पुलिस ने तलाशी के दौरान इनके कब्जे से मोबाइल, लैपटॉप एवं भड़काऊ साहित्य बरामद किया था। इसके साथ ही इनके पास से हाथरस मामले से जुड़ा भड़काऊ साहित्य भी बरामद हुआ था। चार आरोपियों में से तीन यूपी के तथा एक केरल के मल्लपुरम का था।
मनीष श्रीवास्तव
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