ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक बिल्डर्स को फ्लैट बेचने पर रोक

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ग्रेटर नोएडा के पटवारी गांव की श्मशान भूमि पर सुपरटेक बिल्डर्स के निर्माण पर कड़ा रूख अपनाया है और बिल्डर्स को फ्लैट बेचने पर रोक लगा दी है और साथ ही अथारिटी को निर्माण पूरा होने का प्रमाण पत्र जारी न करने का निर्देश

Update: 2018-02-12 15:02 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ग्रेटर नोएडा के पटवारी गांव की श्मशान भूमि पर सुपरटेक बिल्डर्स के निर्माण पर कड़ा रूख अपनाया है और बिल्डर्स को फ्लैट बेचने पर रोक लगा दी है और साथ ही अथारिटी को निर्माण पूरा होने का प्रमाण पत्र जारी न करने का निर्देश दिया है।

इसके साथ ही जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर से भी कार्यवाही न करने पर जवाब मांगा है और पूछा है कि गांव सभा की लोक उपयोग की जमीन पर बिल्डर्स के अवैध कब्जे पर क्या कार्यवाही की। कोर्ट ने सुपरटेक बिल्डर्स को भी ग्रेटर नोएडा के सीईओ के हलफनामे का जवाब दाखिल करने का दो हफ्ते का समय दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।

यह आदेश मुख्य जस्टिस डी.बी भोसले तथा जस्टिस सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने टीकम सिंह की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि विवादित भूमि पर तीसरे पक्ष का हित न बनने दिया जाय। प्लाट संख्या 210 पर श्मशान है, जिस पर सुपरटेक ने बाउन्ड्री बना ली है। कोर्ट ने कहा बिल्डर को निर्माण का अधिकार नहीं है।

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