बिजली कर्मियों की हड़ताल: पूरे प्रदेश में हड़कंप, बंद हो गया सब कुछ
मेरठ में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी है। पीवीवीएनएल कर्मी उर्जा भवन पर धरना दे रहे हैं। कैश काउंटर और कार्यालय बंद होने से लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं। जिला प्रशासन की निगरानी में संविदा कर्मियों और पूर्व सैनिकों ने बिजली आपूर्ति की कमान संभाल रखी है।
लखनऊ। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का आंदोलन एक बार फिर तेज होने जा रहा है। कई जिलों में बहिष्कार आंदोलन के दूसरे दिन भी जारी रहने से कई जिलों में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। शासन स्तर पर बैठकों का दौरा जारी है बावजूद इसके बात बन नहीं पा रही है। प्रबन्धकों पर साजिश का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश पावर कारपोषन के अधिकारियों ने हडताल पर जाने का फैसला लिया है।
पूर्व सैनिकों ने बिजली आपूर्ति की कमान संभाली
मेरठ में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी है। पीवीवीएनएल कर्मी उर्जा भवन पर धरना दे रहे हैं। कैश काउंटर और कार्यालय बंद होने से लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं। जिला प्रशासन की निगरानी में संविदा कर्मियों और पूर्व सैनिकों ने बिजली आपूर्ति की कमान संभाल रखी है। बता दें कि बीते दिवस भी कई राउन्ड बात होने के बाद कर्मचारियों और प्रबन्धकों के बीच अंतिम समय वार्ता टूट गयी।
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पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ने दस्तखत करने से इन्कार
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, यूपी के पदाधिकारियों की लंबी वार्ता में निजीकरण न किए जाने पर सहमति तो बन गई। लेकिन, पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ने यह कहते हुए दस्तखत करने से इन्कार कर दिया कि दो-तीन दिन का समय चाहिए। इसी बात को लेकर कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है।
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घरों में पानी का घोर संकट
हडताल के चलते प्रदेश सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। कई सब स्टेशनों से लगातार 38 घंटे से विद्युत आपुर्ति बाधित है। इस सब स्टेशन से 32 ग्राम पंचायतों को विद्युत सप्लाई की जाती है। बिजली न आने लोगों को पानी के संकट का भी सामना करना पड़ रहा है।