Shamli: किताबों के लिए परेशान छात्रा ने किया ट्वीट, तो SP नें चंद मिनटों में घर पहुंचा दी किताबें

किताबों की समस्या को लेकर एक छात्रा ने जिले के एसपी से ट्वीट करते हुए किताबों के मुहैया कराने के लिये मदद मांगी।

Reporter :  Pankaj Prajapati
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-05-22 18:30 IST

छात्रा

शामली: जनपद में कोरोना को लेकर जहां सभी बाजार दुकाने बंद है। वही 10वीं क्लास पास आउट होने के बाद अगली क्लास की पढ़ाई शुरू होने पर किताबों की समस्या को लेकर एक छात्रा ने जिले के एसपी से ट्वीट करते हुए किताबों के मुहैया कराने के लिये मदद मांगी। जब कि किताबें ऑनलाइन व मार्केट में पीड़ित छात्रा व उसके परिजनों को कही भी नहीं मिली। एसपी ने सदर कोतवाली पुलिस के माध्यम से किताबों की व्यवस्था कराकर छात्रा के घर भिजवाई और वही पीड़ित छात्रा ने किताबें मिलने पर अपनी लाइफ में आगे पढ़ाई कर आईएएस बनाने की बात कही है।

कोरोना काल में जहां एक ओर तबाही मची हुई है, वही अब परिजनों और छात्रों के सामने पढ़ाई की नई समस्या भी आ खड़ी हुई है। प्रदेश में मार्केट व किताबों की दुकानें बंद होने के बाद छात्र-छात्राओं को किताबें मुहैया न होने की समस्या सामने आ रही है। वही जिले के गांव मलेंडी की सेंट आरसी स्कूल की ग्यारहवीं क्लास की पढ़ने वाली छवि चौधरी ने किताबें न मिलने पर जिले के एसपी से ट्वीट कर मदद की गुहार लगाई है। वही जिले के एसपी ने पीड़ित छात्र के ट्विटर पर जवाब देते हुए उनका पता लिया और पुलिस कर्मी को आदेशित करते हुए छात्रा के लिये 11वीं क्लास की दोनो किताबें मुहैया कराकर उनके घर पहुंचवाया।

एसपी ने मात्र 24 घंटे में किताबों को मुहैया कराया

इस मामले में छात्रा का कहना है कि मेरी क्लास की अधिकतर किताबें मुझे ऑनलाइन और दुकान से मिल गई थी, लेकिन दो किताबें नहीं मिल पा रही थी, जिसके लिए मेरी दीदी ने एसपी साहब से मदद के लिए ट्वीट किया था। वही शामली जनपद के एसपी ने मात्र 24 घंटे में किताबों को मुहैया कराकर घर भिजवा दिया था। मैं आगे पढ़ाई करके आईएएस बनना चाहती हूं ।

शामली एसपी और छात्रा

किताबों के लिए छात्रा ने एसपी से मांगी मदद

वहीं छात्रा छवि की बड़ी बहन निकिता का कहना है कि जब हम लोगों को दो किताबें कहीं नहीं मिली, तो हम लोगों ने ट्विटर के माध्यम से जिले के एसपी से मदद मांगी थी, जिन्होंने मात्र 24 घंटे में किताबों की व्यवस्था की और हमारे घर पर भिजवा दी। हम लोग यह मानते हैं कि जिस तरीके से पुलिस आम जनता के लिए खड़ी है। वही मासूम बच्ची की किताबों के लिए भी तत्पर थी और इस तरीके की कार्यों से पुलिस की छवि सुधरेगी ।

बच्ची के लिए उसकी किताबें बहुत महत्वपूर्ण- SP

उधर इस मामले में पुलिस अधिकारी का कहना है कि एक ट्वीट के माध्यम से मुझे एक मैसेज मिला था, जिसमें किताबें की मांग की गई थी। मैंने छात्रा की पढ़ाई की किताबों की प्रमुखता को देखते हुए तुरंत किताबों का अरेंजमेंट कराया और उनके घर पर भिजवा दी। यह मात्र छोटी सी बात थी, लेकिन एक बच्ची के लिए उसकी किताबें बहुत महत्वपूर्ण थी, इसलिए पुलिस ने उसकी पढ़ाई बीच में ना रुके, इन चीजों को गंभीरता से लिया। वही इस तरीके की चीजों को देखते हुए पुलिस की भी एक अच्छी छवि समाज के बीच में जाएगी । वही कोरोना काल में जहां लोग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं, तो पुलिस हमेशा आम जनमानस के लिए मदद के लिए तैयार है। पुलिस की हर एक इकाई को ट्रेनिंग के दौरान यह सिखाया जाता है कि आम जनमानस की मदद करनी है ।

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