गोरखपुर यूनिवर्सिटी में खिलाड़ियों को चैम्पियन बनाएगा 'सुपर-100', ये हैं एक्शन प्लॉन

गोरखपुर यूनिवर्सिटी की विद्या परिषद ने पांच नए इंस्टीट्यूट तथा उनके अंतर्गत 13 सेन्टर सहित 60 से अधिक को स्वीकृति दी गई।

Update: 2020-11-27 10:56 GMT
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गोरखपुर: दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय पटना के गणित शिक्षक आनंद कुमार के 'सुपर-30' की तर्ज पर 'सुपर-100' बनाकर चैम्पियन खिलाड़ी तैयार करेगा। इनमें चयनित खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए जरूरी सभी सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। खिलाड़ियों को गुरु गोरखनाथ फेलोशिप के साथ ही अन्य तरीके से आर्थिक मदद की जाएगी।

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गोरखपुर यूनिवर्सिटी की विद्या परिषद ने पांच नए इंस्टीट्यूट तथा उनके अंतर्गत 13 सेन्टर सहित 60 से अधिक को स्वीकृति दी गई। इसमें दो बड़े इंस्टीट्यूट विज्ञान के लिए एडवांस मल्टीडिसीप्लिनरी इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च तथा सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में महायोगी गोरक्षनाथ ग्लोबल इंस्टीट्यूट फॉर कल्चरल एंड डेवलपमेंट स्टडीज अधिक महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। इसके अलावा तीन इंस्टीट्यूट इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट एंड बिजनेस स्टडीज इनक्यूबेशन इंस्टीट्यूट, सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट, इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज को पीपीपी मॉडल से चलाने के प्रस्ताव को पारित किया गया।

33 करोड़ में बढ़ेंगी खेल की सुविधाएं

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय पूर्वांचल के स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित होगा। विश्वविद्यालय परिसर के अंदर सिंथेटिक एथलीट ट्रैक, स्वीमिंग पूल, हॉकी का एस्ट्रोटर्फ मैदान और अन्य खेलों के लिए बहुउद्देशीय भवन का निर्माण होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद कुलपति प्रो. राजेश सिंह के निर्देश पर इन कार्यों के लिए 32.7 करोड़ का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है।

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गोरखपुर विश्वविद्यालय से 339 महाविद्यालय संबद्ध हैं और करीब 2.5 लाख विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों से बहुत सारे खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। लेकिन संसाधनों के अभाव में खिलाड़ी दूसरे राज्यों की ओर रुख कर लेते हैं। खेलों को बढ़ावा देने के मकसद से विश्वविद्यालय की ओर से यह पहल की गई है।

क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने बताया

क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि कुलपति के निर्देश पर खेल को समृद्ध बनाने के लिए 32.7 करोड़ की चार योजनाएं तैयार की गई हैं। प्रस्ताव के मुताबिक 22 एकड़ जमीन में इसे तैयार किया जाएगा। विश्वविद्यालय के निर्माणाधीन स्टेडियम परिसर में आठ लेन का सिंथेटिक एथलीट ट्रैक तैयार करने का प्रस्ताव बना है। इसकी लागत 9.12 करोड़ रुपये आएगी। यह ट्रैक 400 मीटर का होगा।

गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि हमारी कोशिश है कि क्षेत्र के खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। ताकि अच्छे खिलाड़ी यहां से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाएं। युवा एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार की खेलो इंडिया योजना के तहत 32.7 करोड़ के चार प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेज दिए गए हैं। उम्मीद है कि राज्य सरकार की संस्तुति पर केंद्र सरकार से बजट जारी हो जाएगा।

हॉकी के लिए एस्ट्रोटर्फ का मैदान बनेगा

हॉकी के लिए एस्ट्रोटर्फ का मैदान बनेगा, चारों तरफ रोशनी की व्यवस्था की जाएगी। ताकि रात में भी हॉकी के मैच खेले जा सकें। यह मैदान क्रीड़ा संकुल भवन के पास बनेगा। इसके लिए 8.46 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है। दीक्षा भवन के सामने खेल मैदान में स्वीमिंग पूल तैयार करने की योजना है। 50 गुणा 25 मीटर के क्षेत्रफल में स्वीमिंग पूल तैयार होगा। इसमें कई लेन बनेंगे ताकि खिलाड़ी अपनी तैराकी कर सकें। यही नहीं, बाहरी लोगों को भी कुछ शुल्क लेकर तैराकी सिखाई जाएगी। स्वीमिंग पूल के लिए 5.50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीमिंग पुल के पास ही 9.61 करोड़ की लागत से बहुउद्देशीय भवन बनेगा। जिसमें बैडमिंटन, जूडो, वॉलीबॉल, कुश्ती, हैंडबॉल, कबड्डी आदि के लिए अलग-अलग कोर्ट और ग्राउंड बनेंगे।

खेल को रोजगार से जोड़ेंगे-प्रो.अजय

क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला का कहना है कि सुपर 100 में चयनित खिलाड़ियों को किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी। उसे प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। चयनित खिलाड़ियों को इस तरह विकसित किया जाएगा कि उन्हें रोजगार की चिंता नहीं रहे। खेल से नौकरी मिलती है। इन्हें ऐसा बनाएंगे जिससे वह रोजगार को लेकर चिंतित नहीं रहे।

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सुविधाएं मिलेंगी तो चमकेगी मेद्या-संतोष

नेशनल तैराकी कोच संतोष श्रीवास्तव का कहना है कि यूनिवर्सिटी में खेल की प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। प्रतिभाएं सुविधाओं के आभाव में दम तोड़ देती हैं। सुपर-100 खेल को ऊंचाई पर ले जाएगा। खिलाड़ी को फैलोशिप मिलेगी तो परिवार की भी चिंता दूर होगी। विशेष खिलाड़ी होने से प्रशासन का प्रदर्शन पर भी नजर होगा। खिलाड़ी एकाग्र होकर अपने खेल पर ध्यान देगा। गोरखपुर के भविष्य की इबारत लिखने वाला होगा सुपर 100।

रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव

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