स्वाति सिंह का यही मंत्र: विवादों से ही बनाया नाम, तो अब घबराना कैसा
योगी सरकार में महिला कल्याण राज्य मंत्री स्वाति सिंह का विवादों से नाता बेहद पुराना है या यूं कहें कि उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत ही विवादों से हुई। 2016 में उनके पति व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली।
लखनऊ: विवादों से चोली-दामन का रिश्ता कहें अथवा विवादों से संजीवनी हासिल करने वाली योगी सरकार की महिला मंत्री स्वाति सिंह के राजनीतिक जीवन में विवाद उसी तरह हैं जैसे किसी पुजारी के जीवन में मंदिर और खिलाड़ी के लिए खेल का मैदान। विवादित मामले से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाली स्वाति सिंह ने योगी सरकार को कई बार विवादों के दलदल में धकेला लेकिन पार्टी और सरकार का मजबूत समर्थन उनके साथ सदैव बना रहा। उनका राजनीतिक कद भी योगी सरकार में लगातार बढ़ता रहा है।
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योगी सरकार में महिला कल्याण राज्य मंत्री स्वाति सिंह का विवादों से नाता बेहद पुराना है
योगी सरकार में महिला कल्याण राज्य मंत्री स्वाति सिंह का विवादों से नाता बेहद पुराना है या यूं कहें कि उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत ही विवादों से हुई। 2016 में उनके पति व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली। पार्टी ने उन्हें छह साल के निष्कासित कर दिया लेकिन मायावती के समर्थक और बसपा नेताओं ने राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान दयाशंकर सिंह की बेटी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली और विरोध में मोर्चा स्वाति सिंह ने संभाला। उनके आक्रामक तेवर से बसपा को बैकफुट पर जाना पड़ा और भाजपा ने उन्हें पार्टी में अहम जिम्मेदारी देने के साथ ही 2017 में चुनाव लड़ा दिया।
मंत्री बनने के बाद विवादों की लग गई लाइन
योगी सरकार की इस महिला मंत्री ने कुर्सी पर रहते हुए भी विवादों से खूब चर्चा हासिल की। सबसे पहले उनका नाम तब चर्चा में आया जब वह एक बीयर बार का उद्घाटन करने पहुंच गईं। योगी सरकार के शपथ ग्रहण के दो महीने के अंदर हुई इस घटना से सरकार की खूब किरकिरी हुई। भाजपा की ओर से दावा किया गया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें तलब कर अपनी नाराजगी जताई लेकिन इसका असर कभी दिखाई नहीं दिया। मई महीने में बीयर बार का उद्घाटन करते देखी गई स्वाति सिंह अगले महीने राजधानी में बड़ा मंगल पर लगने वाले भंडारे में भोजन के साथ ही एक सौ रुपये का नोट बांटती भी दिखाई दी। इस मामले में भी मुख्यमंत्री को नाराज बताया गया।
ऑडियो वायरल विवाद
मंत्री रहते हुए उन पर सबसे गंभीर आरोप अंसल बिल्डर को लेकर लगा। सीओ कैंट के साथ हुई उनकी बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें वह बिल्डर का पक्ष लेकर सीओ को हडका रही थीं। सीओ ने पीड़ित पक्ष की ओर से बिल्डर के खिलाफ रपट दर्ज कर ली थी जबकि मंत्री को यह पसंद नहीं था। इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री की सहमति का भी हवाला देते हुए सीओ को दबाव में लेने की कोशिश की लेकिन सीओ ने उनकी नहीं सुनी।
इस ऑडियो में स्वाति सिंह सीधे तौर पर सीओ कैंट को एफआईआर खत्म करने की हिदायत देती हुई सुनाई दे रही हैं। वायरल ऑडियो में सुना जा सकता है कि स्वाति सिंह सीओ पर बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की वजह से गुस्से में थीं। ऑडियो में वह मामले की बात आगे तक नहीं जाने और बिल्डर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का दबाव बना रही हैं। वह यह कहते भी सुनाई दे रही हैं कि ऐसा ऊपर से आदेश है कि कोई एफआईआर अभी नहीं लिखा जाएगा।
मंदिर पर कब्जा विवाद
सरोजनी नगर क्षेत्र से विधायक स्वाति सिंह पर अपने घर के पास स्थित मंदिर पर कब्जा करने का आरोप भी लग चुका है। आरोप लगा कि उनके भाइयों ने मंदिर पर कब्जा कर लिया है लेकिन बाद में यह पूरा मामला दब गया।
38 करोड का टेंडर घोटाला
इसके अलावा स्वाति सिंह अपने विभाग के टेंडर घोटाले को लेकर भी चर्चा में आईं। बाल विकास पुष्टाहार विभाग में 38 करोड रुपये के टेंडर में घोटाला किए जाने का मामला उजागर हुआ। इसके अनुसार प्रदेश के सभी आंगनबाडी केंद्रों को प्री प्राइमरी स्कूल में तब्दील करने के लिए फर्नीचर की खरीद की जानी थी। सभी जिलों को इस मद में 50 लाख रुपये की राशि दी गई। इसमें चहेती कंपनियों को टेंडर देने के लिए दूसरी कंपनियों को जानबूझकर अयोग्य घोषित करने का मामला सामने आया था। महंगी दर पर फर्नीचर की खरीद 23 जिलों में की गई।
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विवादों की मलिका बन चुकी स्वाति सिंह का ताजा मामला नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी से है। नाराज मंत्री ने मीटिंग में सभी अधिकारियों के सामने कहा कि ऐसा भ्रष्ट अधिकारी उन्हें अपने इलाके में नहीं चाहिए लेकिन नायब तहसीलदार ने मंत्री की ही पोल खोल डाली है। उसका कहना है कि अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई से मंत्री भड़की हुई हैं और इस तरह आरोप लगा रही हैं।
स्वाति सिंह को शायद ही इस नए विवाद से कोई परेशानी का सामना करना पड़े
ऐसे में विवादों को फुटबॉल की तरह खेलने में माहिर हो चुकी स्वाति सिंह को शायद ही इस नए विवाद से कोई परेशानी का सामना करना पड़े। अब तक वह विवादों से कभी नहीं घबराईं बल्कि हर फ़िक्र को धुएं में उडाकर बेफ़िक्र और बिंदास जीवन जीती रही हैं। सीओ ऑडियो विवाद में उन्होंने पांच कालिदास मार्ग का हवाला भी किया था और सामने सीओ स्तर का पुलिस अधिकारी था जबकि इस बार तो नायब तहसीलदार स्तर का अधिकारी ही है।
अखिलेश तिवारी
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