ताज में रेलिंग लगाने का प्लान फ्लॉप, पर्यटकों के स्पर्श से बदरंग हुईं दीवारें

ताजमहल में पर्यटकों द्वारा कीमती पत्थरों को उखाड़ने, खुरचने, नाम लिखने आदि की घटनाओं को देखते हुए एएसआई ने मकबरे में कब्रों के चारों ओर बनी जाली

Update:2018-01-06 09:32 IST

आगरा: से एक मीटर दूर स्टील की रेलिंग लगवाई। दूसरी ओर बनी दीवार से पहले भी यह रेलिंग लगाई गई , जिससे अंदर स्टील रेलिंग का कॉरीडोर बन गया।

एएसआई का मानना था कि पर्यटक इसी से गुजर कर कब्र देख पाएंगे, लेकिन छू नहीं सकेंगे। लेकिन हुआ क्या? बिलकुल इसका उलटा। जहाँ रेलिंग लगाने की वजह से ताज में क्राउड मेनेजमेंट सिस्टम गड़बड़ा गया वहीं दूसरी तरफ मुख्य मकबरे के अंदर का नजारा चौंकाने वाला है। पैसेज में सैलानी दीवारों को छूकर चलते हैं, जिससे अब वहां की दीवारें पूर्व की अपेक्षा अधिक गंदी नजर आने लगी हैं।

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फेल हुआ रेलिंग लगाने का प्लान

- विश्व भर में मोहब्बत की निशानी के रूप में विख्यात ताजमहल की एक झलक की खातिर देशी विदेशी पर्यटक दुनिया के कोने-कोने से खिंचे चले आते हैं।

- 25 दिसम्बर से 1 जनवरी के दौरान ताज के दीवानों की उमड़ी भीड़ के बढ़ते दबाव में व्यवस्थाएं ध्वस्त होती दिखाई दी।

- हालात इतने बिगड़े की आनन फानन में डी जी ऐएसआई को ताज का दौरा कर वास्तुस्थिति का आंकलन करना पड़ा।

- डी जी ऐएसआई के सामने भी मकबरे में लगाई गई रेलिंग की वजह से बढ़ रही अव्यवस्था पर चर्चा की गई।

- हालांकि इस रेलिंग को भीड़ को व्यवस्थित करने व ताज की दीवारों को सैलानियों के स्पर्श से बचाने के लिए लगाया गया था।

- रेलिंग से टूरिस्ट तो परेशान हैं ही, ताज भी पर्यटकों के स्पर्श से नहीं बच पा रहा है।

- पर्यटक यहाँ रेलिंग लगे होने के बाद भी दीवारों को स्पर्श करते हुए निकल रहे हैं, जिससे मुख्य मकबरे के अंदर दीवारों पर गंदे दाग लग गए हैं।

- वही मुख्य मकबरे पर सैलानी बिना कवर पहने जूतों में चहल कदमी करते नजर आते हैं। ऐसे में मुख्य मकबरे पर तैनात विभागीय कर्मियों पर ऊँगली उठना मुमकिन है।

4 जनवरी को आगरा में हुई टीटीजेड के बैठक में भाग लेने आये पर्यावरणविद एमसी मेहता की टीम ने ताज का दीदार कर वास्तु स्तिथि का जायजा लिया और महत्वपूर्ण साक्ष्य भी जुटाए। अगर एम सी मेहता द्वारा इन साक्ष्यों को न्यायायलय में पेश किया गया तो ताज के रखरखाव के लिए जिम्मेदार विभाग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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