यूपी में 15 अगस्त के दिन 22 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोकभवन में वन एवं वन्य जीव, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 15 अगस्त के दिन 22 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य एक ही दिन में पूर्ण किया जाए।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोकभवन में वन एवं वन्य जीव, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 15 अगस्त के दिन 22 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य एक ही दिन में पूर्ण किया जाए।
इसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को जोड़ा जाए और इन किसानों को 10 पौधे मुहैया करवा कर रोपित करने का लक्ष्य तय किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही पीएम आवास योजना और स्वच्छ भारत मुहिम के लाभार्थियों को भी इस मुहिम से जोड़ा। मुख्यमंत्री ने वन विभाग की तरफ से हर पंचायत में वृक्ष अभिभावक ( ट्री गार्जियन) बनाए जाने की बात कही।
उन्होंने कहा है कि पापुलर तीन साल में तैयार हो जाता है, किसानों को उससे अच्छी आय भी हो सकती है, इसलिए पापुलर को प्राथमिकता दी जाए।
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वन विभाग की तरफ से हर पंचायत में वृक्ष अभिभावक (ट्री गार्जियन) बनाए जाएंगे। जो पौधशाला से लाकर पौधे किसानों को देंगे और उसकी देखभाल करेंगे। सरकारी भूमि पर प्रधान के माध्यम से पौधे लगाए जाएंगे।
योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि गड्ढा खुदान को महज औपचारिकता न बनाएं। पीएम किसान सम्मान निधि में रजिस्टर्ड किसान की संख्या 2 करोड़ पार करेगी। इन्हें प्रति किसान 5 से 10 पौधा देकर लगवाएं। उन्हें पापलुर, फलदार पौधा दे सकते हैं। पौधारोपण करने वाले किसानों को आक्सी इको कार्ड देकर सम्मानित किया जाएगा।
सीएम ने ने कहा कि 15 अगस्त के दिन एक साथ एक मुहिम चलाकर 22 से 23 करोड़ पौध हम एक दिन में लगाएं। जितनी प्रदेश की आबादी है, उतना पौधारोपण यह संकल्प लेकर एक जनजागरण अभियान चलाया जाए। पंचायती राज, नगर विकास और अन्य विभाग को अपने साथ जोड़कर इसे अभियान को चलाया जाए।
जिला प्रशासन और कृषि विभाग को अपने साथ जोड़कर ये काम बेहतर ढंग से हो सकता है। हम किसानों को प्राथमिकता दें। जिन 24 लाख परिवारों को पीएम आवास योजना के अंतर्गत घर दिए गए हैं और 1.49 करोड़ परिवार को शौचालय मुहैया करवाएं हैं, इन्हें एक-एक पौध उपलब्ध करवाएं। साथ ही गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को एक-एक पौध उपलब्ध करवाएं।
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उन्होंने कहा कि गंगा, यमुना, सरयू और अन्य पवित्र नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में पीपल, बरगद या अन्य पौधे लगवा सकते हैं। फोर लेन व सिक्स लेन के दोनों तरफ छायादार पौधे लगा सकते हैं। दिल्ली के लुटियंस जोन में अलग-अलग सड़कों पर अलग-अलग किस्म के वृक्ष लगे हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ में कुछ सड़कों को चुन लीजिए, जहां हम इमली, नीम, जामुन, आम या अऩ्य किस्म के पौधे लगा सकते हैं। इसमें सभी नगर निगमों का सहयोग लें। स्मार्ट सिटी में इसका हिस्सा बनाया जाए। एक रूट पर एक ही प्रजाति के पौधे लगाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लुटियंस जोन की तरह हमें व्यवस्था बनानी होगी, तभी कंक्रीट के जंगल से लोगों को राहत मिलेगी। नक्षत्र वाटिका, नौ ग्रह वाटिका समेत अन्य नामों से हम इसे बेहतर कर सकते हैं।
हमें बताना होगा कि अलग-अलग वृक्षों में देवी-देवाताओं का वास है, ये भाव जागरुकता से जनता में जगाया जा सकता है। आज जो मेहनत आप करेंगे, वह 10 वर्ष बाद लोगों को दिखेगा। लोग आपको याद करेंगे। गोमती नगर के दोनों तरफ तय करें कि कौन सी वाटिका हमें सृजित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा जी के दोनों तट पर बहुत नमामि गंगे मिशन पर कांफ्रेंस करेंगे। साथ ही तटवर्ती क्षेत्रों में दो तरह के कार्य किए जाएंगे।
बड़े-बड़े तालाब खुदवाने और व्यापाक वृक्षारोपण का कार्य होगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में जहां से गंगा जी शुरू होती है और जहां खत्म होती है, दोनों तटों पर वृक्षारोपण करेंगे। इसमें एनजीओ और संस्थाओं का सहयोग लिया जा सकता है।
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