टीबी खोजो अभियान:यहां टीबी के 278 नये मरीज सामने आये

उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के स्वास्थय महकमे के लिए टीबी मरीजों की बढती संख्या स्वास्थय महकमें के लिए चुनौती से कम नहीं है। जनपद में 4772 मरीजों की जाँच किया गया जिसमें से 278 टीबी के मरीजों को चिन्हित किया गया है। जिनके इलाज के लिए राजकीय टी.बी क्लीनिक पर टीबी के मरीजों के लिए निशुल्क जाँच और दवाए उपलब्ध है।जहाँ टीबी की बीमारी लाइलाज हुआ करती थी वहीं अब इसकी जाँच कर दवाए को नियमित सेवन से मरीज ठीक हो जा रहे है।

Update:2019-01-21 19:12 IST

मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के स्वास्थय महकमे के लिए टीबी मरीजों की बढती संख्या स्वास्थय महकमें के लिए चुनौती से कम नहीं है। जनपद में 4772 मरीजों की जाँच किया गया जिसमें से 278 टीबी के मरीजों को चिन्हित किया गया है। जिनके इलाज के लिए राजकीय टी.बी क्लीनिक पर टीबी के मरीजों के लिए निशुल्क जाँच और दवाए उपलब्ध है।जहाँ टीबी की बीमारी लाइलाज हुआ करती थी वहीं अब इसकी जाँच कर दवाए को नियमित सेवन से मरीज ठीक हो जा रहे है।

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सरकार ने टीबी के मरीजों के लिए टीबी खोजो अभियान को प्रदेश के 75 जिलों में कराने का काम किया जिसमें मऊ जनपद भी शामिल रहा है। इस अभियान के तहत जनपद में तीन चरण में अभियान चलाया गया जिसमें 4772 मरीजों की जाँच किया गया और उसमें 278 नये मरीज सामने आये है।

जाँच के लिए नमूने लेकर जाँच कराया जा रहा है

राजकीय टीबी क्लीनिक पर तैनात जिला टी.बी आधिकारी एपी जायसवाल बताते है कि सरकार के सरकारी आकड़ों के मुताबिक एक लाख की आबादी पर 250 नये टीबी के मरीजों की संख्या होनी चाहिए है। इसके अनुसार जनपद की कुल आबादी 25 लाख के आसपास है इसलिए जनपद में कम से कम छ हाजार टी.बी के मरीजों की संख्या होनी चाहिए।

कहीं ना कहीं विभाग की कमी

एपी जायसवाल ने बताया कि सरकारी आकड़ों के मुताबिक हम लोग टीबी के मरीजों की संख्या को नहीं खोज पा रहे हैं इसके लिए कहीं ना कहीं विभाग की कमी है। फिलहाल इसके पीछे की वजह है कि मरीजों में जागरुकता की कमी है जिसके स्वास्थय़ विभाग की टीमें लगातार गांव गांव में अभियान के तहत जाकर लोगों को जागरुक करने का काम कर रही हैं।सन्देह होने पर उनकी जाँच के लिए नमूने लेकर जाँच कराया जा रहा है। जनपद में टीबी के रोग की जाँच के लिए दो सीबीनाट की मशीने है जिससे मरीजों की जाँच कि जा रही है। जनपद में अब तक तीन चरण के तहत मरीजों की खोजने का काम किया गया है।

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टीबी खोजो अभियान का चौथा चरण

डॉक्टर जायसवालने बताया 21 जनवरी 2019 से प्रदेश का छठाँ चरण और जनपद में चौथे चरण के तहत टीबी खोजो अभियान को चलाने का काम शुरू हो चुका है। जिसके 89 टीमों का गठन किया है। इन 10 स्वास्थ्य अभिकारी लगाये गये है जो जाँच करने वाली टीम की निगरानी करने का काम करेगे। 20 सुपरवाईजर 10 मेडिकल आफिसर पर्यवेक्षण हेतु लगाये गये है। अभियान का मुख्य मकसद है टीबी से समाज को मुक्त करना।

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इस्तेहाक का इलाज शुरू हो चुका

राजकीय टी.बी. क्लीनिक पर जाँच में टीबी का पता चलने के बाद दवा लेने आए मरीज इस्तेहाक ने बताया कि यहा पर जाँच कराने के बाद उसको पता चला कि उसको टीबी है।और फिर यहाँ से इलाज शुरू हो चुका है। पिछले 15 दिनों से यहाँ पर दवा उपलब्ध नहीं थी लेकिन आज इस्तेहाक को दवा मिली है दवा खाने के बाद उसको कुछ कठिनाईयाँ हो रही है जिसके बारे में डॉक्टर को बताया है। डॉक्टर ने फिर से उसको दवाए देने का काम किया है। वहीं दूसरे मरीजो से भी बात किया गया है तो उनका कहना है उनका इलाज चल रहा है।

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