PAPER LEAK करना अब नहीं होगा आसान, परीक्षा एजेंसी ला रही है खास SOFTWARE

रामास्वामी ने बताया कि हम एक ऐसा सिक्‍योरिटी प्रूफ सिस्‍टम तैयार कर रहे हैं जिससे परीक्षाओं पर सवाल उठना बंद हो जाएंगे। एसटीएफ के साथ मिलकर हम परीक्षा के दौरान ब्‍लू टूथ डिवाइस से लेकर अगल-बगल बैठे कैंडीडेट्स के आंसर करने की शैली को भी ट्रेस कर सकते हैं।

Update:2016-12-22 17:55 IST

लखनऊ: पेपर लीक करने वाले गिरोह के लिए अब प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंधमारी करना आसान नहीं होगा। प्रतियोगी परीक्षाओं का जिम्‍मा संभाल रही टीसीएस की घटक कंपनी टीसीएस ऑयन अब एक ऐसा सॉफ्टवेयर लॉन्च करने जा रही, जो सिर्फ सेंटर्स पर रखे कंप्‍यूटर के हार्डवेयर का उपयोग करेगा। अब परीक्षाएं टीसीएस के अपने ऑपरेटिंग सिस्‍टम पर होंगी। इसका नाम टीसीएस ऑयन ने एसेसमेंट स्‍पेसिफिक ऑपरेंटिग सिस्‍टम रखा है।

डेटा क्रैश होने का नहीं होगा चांस

-टीसीएस ऑयन के ग्‍लोबल हेड वेंगुस्‍वामी रामास्‍वामी ने बताया कि टीसीएस ऑयन नेशनल और स्‍टेट लेवल की प्रतियोगी परीक्षाएं कराने में पिछले चार सालों से ज्‍यादा से सक्रिय है।

-इसमें कैट, क्‍लैट से लेकर लेखपाल और अन्‍य परीक्षाएं शामिल हैं।

-रामास्वामी ने बताया कि हम एक ऐसा सिक्‍योरिटी प्रूफ सिस्‍टम तैयार कर रहे हैं जिससे परीक्षाओं पर सवाल उठना बंद हो जाएगा।

-रामास्वामी ने कहा कि हम प्रोफेसर्स के एक पैनल से एक एक क्‍वैश्‍चन का कंट्रीब्‍यूशन करने को कहते हैं।

-फिर डिजिटल प्‍लेटफॉर्म पर सारे प्रश्नों में से कुछ का चयन करके पेपर बनाया जाता है।

-इस पेपर को सर्वर से परीक्षा केंद्र पर पासवर्ड के जरिए सुपरीटेंडेंट डाउनलोड करेंगे।

-इस सिस्टम से परीक्षा के बाद सारा रिस्‍पॉन्स अपलोड होता है।

एसटीएफ के साथ मिलकर कर रहे काम

-टीसीएस ऑयन के ग्‍लोबल हेड ने बताया कि उन्‍हें परीक्षा कराने में लॉ इनफोर्समेंट एजेंसीज की काफी मदद लेनी पडती है।

-एसटीएफ के साथ मिलकर हम परीक्षा के दौरान ब्‍लू टूथ डिवाइस से लेकर अगल-बगल बैठे कैंडीडेट्स के आंसर करने की शैली को भी ट्रेस कर सकते हैं।

आधार से लेते हैं मदद

-टीसीएस के अधिकारी ने बताया कि जब कैंडीडेट्स परीक्षा देने आते हैं तो उनका बायोमीट्रिक ले लेते हैं।

-कैंडीडेट के आधार से उसका केंद्र पर ही मिलान कर लेते हैं।

-टीसीएस अधिकारी ने बताया कि जिसके पास आधार नहीं होता, उसका बायोमीट्रिक लेकर डाटाबेस में सुरक्षित कर लिया जाता है।

-जब कैंडीडेट ज्‍वाइनिंग के लिए पहुंचता है तो बायोमीट्रिक मिलान करवा लिया जाता है।

-इससे फर्जी व्‍यक्ति दवारा परीक्षा देने पर अंकुश लगाने में सफलता मिली है।

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