लखनऊ: यूपी के सरकारी स्कूलों में अब तक सिर्फ स्टूडेंट्स को ही परीक्षा देनी होती है, लेकिन नई व्यवस्था के मुताबिक, अब टीचरों को भी इम्तिहान देना पड़ेगा। अंतर इसमें सिर्फ
इतना होगी कि बच्चों की परीक्षा के बाद उनका रिजल्ट सार्वजनिक तौर पर आउट कर दिया जाता है, लेकिन टीचरों का नाम और रिजल्ट दोनों गोपनीय रखा जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक, रिजल्ट के आधार पर सर्विस के दौरान टीचर ट्रेनिंग के मैटेरियल तैयार किए जाएंगे, जिसका इस्तेमाल टीचरों की ट्रेनिंग में किया जाएगा। इस परीक्षा का आयोजन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) करा रहा है।
इन 14 जिलों के टीचर देंगे परीक्षा
एससीईआरटी पहली बार प्राइमरी स्कलों के टीचरों की दक्षता संबंधी परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है। यह परीक्षा लखनऊ, इलाहाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, झांसी, वाराणसी, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, अलीगढ़, फतेहपुर, रायबरेली, एटा, चंदौली व मैनपुरी जिलों में आयोजित की जाएगी।
-14 जिलों के एग्जाम के नतीजों पर विचार किया जाएगा।
-ताकि टीचरों की योग्यता जानी जा सके।
-इससे यह पता चलेगा कि टीचर कहां कमजोर हैं और कहां ट्रेनिंग की जरूरत है।
-इन जिलों से कुछ शिक्षकों को सैंपल के तौर पर लिया जाएगा।
-इसमें शिक्षकों की पहचान उजागर नहीं होगी।
-यहां तक कि आनसर शीट में टीचरों को अपने बारे में डिटेल जानकारी भी नहीं लिखनी होगी।
इस तरह के आयोजन को लेकर पहले हो चुका है हंगामा
आपको बता दें कि इससे पहले भी शिक्षक प्रवीणता परीक्षा आयोजित कराई गई थी, लेकिन तब टीचरों ने यह कहकर उसका विरोध किया था कि इस परीक्षा के नतीजों के आधार पर उनका नुकसान किया जा सकता है। इसको देखते हुए इस बार सैंपल के तौर पर यह परीक्षा कराई जा रही है।