Sonbhadra: लगातार उच्च स्तर पर तापमान, 44.6 डिग्री पहुंचा पारा, स्कूलों की समयसारिणी में परिवर्तन की मांग
Sonbhadra:सोनभद्र जिले में शुक्रवार के दिन 45 डिग्री के मुकाबले शनिवार की दोपहर दो बजे अधिकतम पारा 44.6 रिकार्ड किया गया।
Sonbhadra News: सोनभद्र जिले में लगातार तापमान का उच्च स्तर बना हुआ (high temperature in Sonbhadra) है। दोपहर में आसमान में बादलों के उमड़ने से तापमान में मामूली गिरावट दर्ज हुई। शुक्रवार के दिन 45 डिग्री के मुकाबले शनिवार की दोपहर दो बजे अधिकतम पारा 44.6 रिकार्ड किया गया। वहीं तपिश के साथ ही भारी उमस लोगों को बेहाल किए रही। तपती धूप में बच्चों के स्कूल से लौटने का नजारा लोगों को झिंझोड़ते रहा।
लगातार तापमान के उच्च स्तर पर बने रहने से जहां बच्चों के बीमार (children sick due to heat) होने की शिकायत बढ़ने लगी है। वहीं कई अभिभावक ऐसे हैं, जिन्होंने बच्चों को तपिश से बचाने के लिए स्कूल भेजने से परहेज करना शुरू कर दिया है। सरकारी स्कूलों की कौन कहे, निजी स्कूलों में शनिवार को अन्य दिनों की अपेक्षा उपस्थित कम रही। उधर, प्रशासन की तरफ से आसमान से बरसते अंगारों के बीच स्कूलों में लगातार अच्छी उपस्थिति के लिए बनाए जा रहे को दबाव को लेकर शिक्षक नेताओं की तरफ से नाराजगी के स्वर उठने लगे हैं और की जा रही कार्रवाई पर रोक की मांग की जाने लगी है।
सूर्यदेव की तपिश ने जनजीवन किया अस्त-व्यस्त
सूर्यदेव का रौद्ररूप अप्रैल के पहले दिन से ही बेहाल किए हुए है। आखिरी सप्ताह आते-आते तपिश की मार ने जनजीवन अस्त-व्यस्त करके रख दिया है। बढ़ती तपिश की स्थिति यह है कि 26 अप्रैल को 42 डिग्री पर रहने वाला पारा 27 अप्रैल को 43 पर पहुंच गया। 28 अप्रैल को 43.6 डिग्री पारा दर्ज किया गया। 29 अप्रैल को इस पारे ने 45 डिग्री का आंकड़ा छूकर सोनभद्र में अब तक के सर्वाधिक तपिश का एक नया रिकार्ड रच दिया। 30 अप्रैल यानी शनिवार को भी सूर्योदय के साथ ही सूर्यदेव की किरणें आग बरसाती रहीं। वहीं गर्म हवाओं के थपेड़े लोगों के बेहाल किए रहे। सप्ताह का आखिरी दिन होने के कारण जरूरी कामकाज वाले लोगों ने भी ज्यादातर समय घर में गुजारा। वहीं बच्चों को तपती दोपहरी में झुलसते हुए घर वापस लौटना पड़ा।
शुक्रवार को पड़ी तपिश की मार से बेहाल कई बच्चे स्कूलों से नदारद नजर आए। अस्पतालों में भी बड़ों के साथ ही बीमार बच्चों के पहुंचने की संख्या और दिनों से ज्यादा रही।
विद्यालयों में बच्चों की बेहतर उपस्थिति न होने पर झेलनी पड़ रही कार्रवाई:
बच्चों में शैक्षिक स्तर सुधारने के लिए विद्यालयों में शत-प्रतिशत उपस्थित पर जोर दिया जा रहा है। सरकारों के साथ ही प्रशासन के लोग भी इसके लिए दबाव बनाए हुए हैं लेकिन तपिश की मार सारी कवायदों पर भारी पड़ रही है। निजी विद्यालयों में जहां बच्चों के न आने का दारोमदार अभिभावकों पर छोड़ दिया जा रहा है। वहीं परिषदीय यानी सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों पर उपस्थिति के लिए दबाव बनाया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान कम उपस्थिति पर कार्रवाई भी हो रही है। वहीं शिक्षक नेताओं का कहना है कि तापमान में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए, तमाम अभिभावक बच्चों को इस समय स्कूल भेजने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में शत-प्रतिशत दूर, 80 फीसद लक्ष्य की पूर्ति शिक्षक कैसे करें, समझ से परे है।
विद्यालयों की समयसारिणी में किया जाए परिवर्तन, कुछ दिन के लिए की जाए छुट्टी
तापलहर पीक पर होने के बावजूद मध्य दोपहरी में स्कूलों से छोडे़ जा रहे बच्चों को लेकर जहां अभिभावक परेशान हैं। वहीं शिक्षक नेताओं की तरफ से भी इसको लेकर आवाज उठने लगी है। अटेवा के जिलाध्यक्ष राज मौर्या और यूटा के जिलाध्यक्ष शिवम अग्रवाल कहते हैं कि इस बार की तपिश ने पिछले कई सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है। इसके चलते स्कूल आ रहे बच्चे बीमार पड़ने लगे हैं। अधिकारी 80 प्रतिशत उपस्थिति के लिए दबाव डाल रहे हैं लेकिन तेज धूप और गर्मी के कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज कर रहा है। कहा कि इस समय ठीक 12 बजे छुट्टी हो रही है। जबकि उस समय सूर्य के ठीक सिर के उपर होने के कारण तपिश की सबसे ज्यादा मार पड़ती है। इसको देखते हुए दोनों नेताओं ने विद्यालय का समय साढ़े सात से बारह की बजाय, सात बजे से 11 बजे किए जाने की मांग उठाई। ताकि मध्य दोपहर से पहले बच्चे घर पहुंच जाए।
वहीं महिला जिलाध्यक्ष शीतल दहलान ने स्थिति को देखते हुए कुछ दिन के लिए विद्यालयों को बंद करने की मांग की। कहा कि गांव हो या शहर, हर जगह तपिश ने लोगों के बेहाल कर दिया है। शहर में तो लोग बच्चों को अपने साधन से विद्यालय छोड़ते हैं, लेकिन गांवों में तपती धूप के बीच बच्चों को पैदल ही स्कूल आना-जाना पड़ रहा है। वह एक बोतल पानी भी घर से नहीं ला रहे हैं।
हीटवेव की स्थिति भी लगातार खतरनाक रूप अख्तियार किए हुए है। इससे बच्चे कौन कहे, बड़े भी बीमार होने लगे हैं। उनकी राय में तापमान में थोड़ी नरमी आने तक के लिए विद्यालयों को बंद किया जाना ही ठीक रहेगा। उधर, बीएसए हरिवंश कुमार ने कहा कि उच्चाधिकारियों को स्थिति से अवगत करा दिया गया है। सोमवार को इसको लेकर उचित निर्णय की उम्मीद है।