थाईलैंड से आई कॉल गर्ल की कोरोना से मौत, व्यापारी के बेटे ने 7 लाख में बुलाया था लखनऊ

लखनऊ में थाईलैंड से आई एक कॉल गर्ल की कोविड-19 संक्रमण से मौत हो गई है। उसे एक व्यापारी के बेटे ने बुलाया था।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2021-05-08 10:39 GMT

डेड बॉडी को ले जाते स्वास्थ्यकर्मी (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (Corona Virus) ने विकराल रूप धारण कर लिया है। प्रदेश में तेजी से संक्रमण अपने पैर पसार रहा है। अब तक भारी संख्या में लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस बार सूबे में महामारी के प्रकोप से सबसे ज्यादा राजधानी लखनऊ (Lucknow) प्रभावित हुई है, जहां पर रोजाना तेजी से नए मामलों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इस बीच राजधानी से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है।

दरअसल, कोरोना महामारी के बीच राजधानी लखनऊ में थाईलैंड से आई एक कॉल गर्ल (Call Girl) की कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण से मौत हो गई है। जब पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि इस कॉल गर्ल को दस दिन पहले ही लखनऊ के एक टॉप व्यापारी के बेटे ने सात लाख रुपये खर्च करके थाईलैंड से बुलाया था। जिसके दो दिन बाद ही युवती बीमार पड़ गई, जिसके बाद इलाज के लिए उसे लोहिया अस्पताल (Lohia Hospital) में भर्ती कराया गया था। जहां पर इलाज के दौरान उसने 3 मई को दम तोड़ दिया।

एजेंट के सामने पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार

कॉल गर्ल की कोरोना वायरस से मौत होने के बाद पुलिस ने थाईलैंड एंबेसी में संपर्क करके युवती के परिवार को शव हैंडओवर करने की कोशिश की, लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाया तो पुलिस ने एजेंट की मौजूदगी में शनिवार को उसका अंतिम संस्कार करा दिया। बताया जा रहा है कि एजेंट का नाम सलमान है और इसी के जरिए वो भारत आई थी।

राजस्थान के ट्रैवेल एजेंट के संपर्क में थी कॉल गर्ल

हालांकि अब कॉर्ल गर्ल की कोरोना से मौत होने के बाद संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। पुलिस अब ये पता लगाने की कोशिश में जुट गई है कि इस कॉल गर्ल के संपर्क में और कौन-कौन आया है। पुलिस का कहना है कि ये कॉल गर्ल राजस्थान के रहने वाले एक ट्रैवेल एजेंट के संपर्क में थी। उसी ने इसे लखनऊ भेजा था। अब पुलिस इस एजेंट की तलाश में है।

यही नहीं बताया ये भी गया है कि व्यापारी के बेटे ने ही कॉल गर्ल की तबियत बिगड़ने पर थाईलैंड एंबेसी को जानकारी दी थी। जिसके बाद एंबेसी ने भारत के विदेश मंत्रालय की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

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