यूपी में कंडोम बना बवाल: हजारों की संख्या में सड़क पर बिखरे मिले, देखकर आप भी हो जाएंगे हक्के-बक्के
Condom Packets Pilibhit: पीलीभीत जिले में हजारों कंडोम के पैकेट खुले में पड़ा देख लोग हैरान रह गए। कई लोग ऐसे भी थे जो नजरें चुराकर कंडोम के पैकेट लेकर चलते बने।
Condom Packets Pilibhit: यूपी के पीलीभीत शहर के बीचों-बीच स्थित जमनी चौराहा के पास खुले मैदान में हजारों की संख्या में कंडोम (condom) के पैकेट पड़ा देख लोग चौंक गए। कई लोग तो ऐसे थे, जो देखते ही देखते कंडोम पैकेटों को अपनी जेब में रखकर वहां से निकल लिए। वहीं, कुछ नजरें चुराते और झेंपते नजर आए। सड़क किनारे इतनी बड़ी मात्रा में कंडोम पैकेटों को देखकर हड़कंप मच गया। जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग का सरकारी अमला पहुंचा और खानापूर्ति के बाद चलते बने।
सूचना मिलने पर सीएमओ (CMO) भी जांच के लिए मौके पर पहुंचे। मगर, किसी ने इस बारे में कुछ नहीं बताया। सीएमओ ने बार-बार पूछे जाने पर सिर्फ सरकारी आपूर्ति न होने की बात कही। उन्होंने इसकी आपूर्ति किसी एनजीओ (NGO) को होने का दावा किया। इस मामले में नाको (NACO) को पत्र भेजा गया है।
क्या है मामला?
पीलीभीत शहर के नखासा मोहल्ले में एक चौराहे के पास खाली जगह पर कुछ लोगों ने कंडोम ढेर देखा। पहले तो स्थानीय लोगों को लगा कि ये कंडोम एक्सपायर होंगे। लेकिन, जब कंडोम के पैकटों को उठाकर देखा तो लोगों के होश उड़ गए। पैकेट पर अगले साल यानी 2024 के 10वें महीने में एक्सपायर होने की तिथि अंकित दिखी। इतना ही नहीं, निरोध के पैकेट पर NACO, HIV हेल्पलाइन नंबर 1097 तथा गवर्नमेंट ऑफ इंडिया फ्री सप्लाई नॉट फॉर सेल भी लिखा हुआ है।
..अब इस्तेमाल में नहीं आ सकता
इतनी बड़ी संख्या में कंडोम के पैकेट देखकर लोगों ने इसकी सूचना स्वास्थ्य महकमे को दी। जिसके बाद CMO डॉ. आलोक कुमार मौके पर पहुंचे। कुछ डिब्बे उठाकर उन्होंने जांच-पड़ताल की बात कही और चलते बने। सीएमओ ने कहा, ये पैकेट जमीन पर पड़े हैं। अब इन्हें दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता। सीएमओ भी कंडोम के ढ़ेर को वैसे ही छोड़कर चले गए।
एक तरफ सीएमओ ने कहा, कि ये खुले में पड़े थे, तो अब इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता, लेकिन वहीं कई लोग ऐसे थे जो देखते ही देखते कुछ पैकेट जेब में रखकर चले गए। अभी पता नहीं और न जाने अभी कितने लोग इसे ले जाएंगे।
क्या ऐसे निभाएंगे दायित्व?
बता दें, कि दे भारत सरकार इन कंडोम को NACO के माध्यम से जिले में काम कर रहे NGO को देती है। जो लोग लज्जा या शर्म की वजह से परिवार नियोजन के साधन कंडोम को खरीदने दुकानों और सरकारी अस्पतालों में नहीं जा पाते, NGO के माध्यम से वैसे लोगों को उनके घर तक ये कंडोम पहुंचाए जाते हैं। लेकिन, कंडोम के इस ढेर को देखकर अब सवालिया निशान जिले में काम कर रहे एनजीओ पर भी उठने लगे हैं। संभव है कि एनजीओ कागजी खानापूर्ति कर डिटेल विभाग को भेज देते है और कंडोम को यूं ही सड़क किनारे फेंक अपने दायित्वों से मुंह मोड़ लेते हैं। सहज ही समझा जा सकता है कि इस तरह न जाने सरकारी पैसों की बर्बादी और सरकारों योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है।
क्या कहा CMO ने?
सीएमओ पीलीभीत डॉ. आलोक कुमार ने इस संबंध में newstrack.com को बताया कि हमें सूचना मिली थी। मैं खुद अपने स्टोर इंचार्ज और पूरी टीम के साथ मौके पर गया। हमने सैंपल लिए। ये NACO से विभिन्न NGO को सप्लाई होती है। हमने नाको को लेटर भेजकर पूछा है कि ये किस NGO को दिए गए थे। जिले के सभी NGO संचालकों को CMO दफ्तर तलब किया गया है।