यूपी में निर्यात को बढ़ावा, मार्च में बड़ी तैयारी, ये प्रदर्शनी होंगी आयोजित
प्रदेश से निर्यात को बढ़ाने के लिए अगले महीने मार्च में टेक्सटाइल्स व अपैरल्स, कारपेट, रग्स, लेदर उत्पाद, फुटवियर तथा होमब्यूटी व गिफ्ट्स से सम्बन्धित ग्लोबल ऑनलाइन शोज सहित पांच वर्चुअल प्रदर्शिनियों का आयोजन किया जायेगा।
लखनऊ। प्रदेश से निर्यात को बढ़ाने के लिए अगले महीने मार्च में टेक्सटाइल्स व अपैरल्स, कारपेट, रग्स, लेदर उत्पाद, फुटवियर तथा होमब्यूटी व गिफ्ट्स से सम्बन्धित ग्लोबल ऑनलाइन शोज सहित पांच वर्चुअल प्रदर्शिनियों का आयोजन किया जायेगा। इसके साथ ही ग्लोबल सप्लाई चेन में यूपी की इकाइयों को शामिल किए जाने के लिए निर्यात रणनीति भी तैयार कराई जायेगी।
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन डॉ. नवनीत सहगल की उपस्थित में निर्यात प्रोत्साहन भवन में आयोजित ‘उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद’ के निदेशक मण्डल की बैठक में यह निर्णय किए गए।
एक्सेस मिडिल ईस्ट वर्चुअल एक्सपो
डॉ. सहगल ने कहा कि दिसम्बर 2020 में ईईपीसी इंडिया के सहयोग से प्रदेश की 40 इंजीनियरिंग इकाईयों को गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल देशों के साथ ‘एक्सेस मिडिल ईस्ट वर्चुअल एक्सपो’ में शामिल हुए। जबकि जनवरी में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज (फिक्की) के साथ वाराणसी में सात-दिवसीय जी.आई. प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया।
प्रदेश के विभिन्न जनपदों के स्टॉल्स
डॉ. सहगल ने कहा कि प्रदर्शनी में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के जी.आई. पंजीकृत उत्पाद जैसे-सिद्धार्थनगर का कालानमक चावल, कन्नौज का इत्र, फिरोजाबाद के कांच उत्पाद, बनारसी के लकड़ी के खिलौने, चंदौली का आदमचीनी चावल, बनारसी गुलाबी मीनाकारी, ब्रोकेड सिल्क उत्पाद, खुर्जा की पॉटरी, मुरादाबाद तांबा पीतल उत्पाद आादि के 50 स्टॉल्स लगाए गए, जिन्हें हस्त शिल्पियों-उत्पादकों को निःशुल्क आवंटित किया गया था।
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इन्हें नया बाजार बनाने में मदद
डॉ. सहगल ने कहा कि प्रदर्शनी में हस्त शिल्पियों व उत्पादकों को नया बाजार बनाने में मदद मिली, वहीं उत्तर प्रदेश की पारम्परिक कलाओं के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। इससे व्यापार संवर्धन के साथ-साथ जी.आई. उत्पादों के सम्बन्ध में आम जनमानस में जागरूकता भी पैदा हुई। प्रदर्शनी में लगभग तीन करोड़ का व्यापार हुआ।
श्रीधर अग्निहोत्री
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