Sonbhadra: चुनार रेलखंड पर तेज गति से ट्रेनों का दौड़ना शुरू, केबिन मुक्त हुआ प्रयागराज डिवीजन

Sonbhadra News: चुनार-चोपन रेल खंड के चुर्क स्टेशन पर रिकार्ड समय में पूरे हुए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के कार्य ने उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज डिवीजन में एक नया इतिहास रच दिया।

Update:2022-09-01 20:19 IST

Sonbhadra Railway News (image social media)

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Sonbhadra News: चुनार-चोपन रेल खंड के चुर्क स्टेशन पर रिकार्ड समय में पूरे हुए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के कार्य ने उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज डिवीजन में एक नया इतिहास रच दिया। इसके साथ ही जहां चुनार-चोपन रूट पर सौ किमी की गति से ट्रेनों का दौड़ना शुरू हो गया है। वहीं अब पूरे प्रयागराज डिवीजन में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही मैनुअली सिग्नल प्रणाली, अतीत का हिस्सा बन चुकी है। प्रयागराज डिवीजन का हर रूट अत्याधुनिक सिग्नल प्रणाली से लैश होने के बाद, अब सोनभद्र के साथ तेज गति से दौड़ने वाली नई ट्रेनों के आवागमन को लेकर भी उम्मीद जगने लगी है। 

बताते चलें कि चोपन और चुनार के बीच पड़ने वाले स्टेशनों में चुर्क छोड़कर अघोरीखास, खैराही, सोनभद्र, लूसा तथा सक्तेसगढ़ स्टेशन पर लीवर फ्रेम आधारित मैकेनिकल इंटरलॉकिंग की जगह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया था। चुर्क में कार्य जारी था और इसे सितंबर माह के आखिर तक पूरा करने की समयसीमा तय की गई लेकिन इंजीनियरों की मेहनत ने यह कार्य एक महीने पहले 31 अगस्त को ही पूरा करा दिया। इसके साथ ही चुर्क में कंप्यूटर आधारित सिग्नल प्रणाली लागू हो गई। इससे जहां बृहस्पतिवार से इस रूट पर ट्रेनें सौ किमी की गति से दौड़ने लगी हैं। वहीं अब ट्रेनों की लेटलतीफी से भी बड़ी राहत मिलेगी। 

प्रयागराज डिवीजन को केबिन सिस्टम से मुक्ति रेल प्रबंधन की अहम उपलब्धि - राष्ट्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री काउंसिल, रेल मंत्रालय सदस्य एस के गौतम ने इस रेल खण्ड पर 100 किमी गति सीमा को लेकर चल रहे कार्य को पूर्ण होने को, रेल प्रबंधन की अहम उपलब्धि बताया है। कहा कि इसके लिए सभी रेल अधिकारी प्रशंसा के पात्र हैं। चुर्क में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ। बताया कि बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए इंटीग्रेटेड पावर सप्लाई सिस्टम लगाया गया है। सिग्नलिंग उपकरणों की विफलता के कारणों का पता लगाने में अधिक समय न लगे और मानव श्रम की भी बचत हो, इसके लिए सिग्नलिंग उपकरणों के डाटा को एनालिसिस करने के लिए डेटालॉगर स्थापित किया गया है और उससे एंटी-थेफ्ट अलार्म सिस्टम, एटी सप्लाई मॉनिटरिंग, रिले रूम डोर मॉनिटरिंग सिस्टम को जोड़ा गया है। 

रेल संचालन आसान बनाने को सेंट्रल डेटालागर सेंटर से जोड़े गए सभी सिस्टम - एकीकृत संचालन के लिए डेटालॉगेर को प्रयागराज मंडल के सेंट्रल डेटालॉगेर सेंटर से इंटीग्रेटेड कर दिया गया है। उपकरण बेहतर तरीके से कार्य करें, इसके लिए रिले रूम में एयर कंडीशनिंग और आगजनी की घटना से निपटने के लिए फायर अलार्म लगाया गया है। स्टेशन मास्टर कक्ष में 40 इंच के दो बड़े ऑपरेटिंग वीडीयू लगाए गए हंै जिससे ट्रेन संचालन अब बिल्कुल आसान हो गया है। बताया कि सोनभद्र - चुर्क एवं चुर्क - अघोरी ब्लॉक सेक्शनों के लिए आधुनिक ब्लॉक वर्किंग प्रणाली (ंयूएफएसआई) लगाया गया है जो ड्यूल एक्सल काउंटर आधारित है तथा ऑटो रिसेट प्रणाली से लैस है। 

अब दोहरीकरण को लेकर की जा रही तैयारी - चुनार-चोपन रेल खंड पर अत्याधुनिक सिग्नल प्रणाली का कार्य पूर्ण करने के बाद अब रेल लाइन के दोहरीकरण को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। बताते चलें कि इसको लेकर सर्वे कार्य किया जा चुका है और बजट की मांग की जा रही है। रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री काउंसिल सदस्य एसके गौतम ने बताया कि इसको लेकर अधिकारियों से बात की जा रही है। रेलवे बोर्ड को भी, इस रूट के दोहरीकरण की जरूरत से अवगत कराया गया है। कहा कि अधिकारियों ने इसको लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है। उम्मीद है कि जल्द ही दोहरीकरण का भी कार्य शुरू हो जाएगा।

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