इस महिला ने उठाई थी सबसे पहले तीन तलाक के खिलाफ आवाज

आखिरकार देश में तीन तलाक बिल लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में पारित हो गया। इसके लिए मोदी सरकार ने काफी मशक्कत की, मुस्लिम महिलाओं ने लम्बी लड़ाई लड़ी, टीवी चैनलों में लम्बी बहसें हुई।

Update:2019-07-30 20:28 IST

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: आखिरकार देश में तीन तलाक बिल लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में पारित हो गया। इसके लिए मोदी सरकार ने काफी मशक्कत की, मुस्लिम महिलाओं ने लम्बी लड़ाई लड़ी, टीवी चैनलों में लम्बी बहसें हुई। तब जाकर मुस्लिम समाज की इस बड़ी समस्या का समाधान हो सका, लेकिन इसके अतीत पर गौर करें तो सबसे पहले इसके खिलाफ आवाज फिल्म निकाह में उठी थी।

फिल्म के निर्माता निर्देशक बीआर चोपड़ा थे और मुख्य तौर जिसने पटकथा लिखी थी वह थीं लखनऊ के प्रख्यात लेखक अमृत लाल नागर की पुत्री और प्रख्यात लेखिका अचला नागर। इस गंभीर समस्या पर पहली बार इस देश में फिल्म के माध्यम से आवज उठी और भारतीय जनमानस ने इसे जाना।

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1939 में लखनऊ में साहित्यकार अमृतलाल नागर के घर जन्मी अचला नागर साहित्य के क्षेत्र में रेडियो, दूरदर्शन और फिल्मों में अपनी पटकथा और संवाद लेखन से देश और समाज को दिशा देने का काम किया है। निकाह(1982), आखिर क्यों(1985), बागबान (2003), ईश्वर (1989, फिल्म पटकथा), मेरा पति सिर्फ मेरा है(1990), निगाहें(1989), नगीना(1986) आदि उनकी प्रदर्शित प्रमुख फिल्में हैं। उन्हें साहित्य भूषण पुरस्कार, हिन्दी उर्दू साहित्य एवार्ड कमेटी सम्मान, यशपाल अनुशंसा सम्मान, साहित्य शिरोमणि सम्मान आदि से सम्मानित किया जा चुका है।

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1981 में आई निकाह फिल्म का नाम पहले 'तलाक तलाक तलाक' था। पर फिल्म के टाइटल को लेकर कुछ कठमुल्लों ने अपनी आवाज बुलन्द की। इसे मजहब के खिलाफ माना गया था। तब कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी और देश के सूचना और प्रसारण मंत्री एचकेएल भगत थे। फिल्म के नाम को आनन फानन में बदला गया। मुल्ला मौलवियों के विरोध के आगे सरकार को दबना पड़ा था और फिल्म का नाम बदलकर निकाह रख दिया गया।

अभिनेता राजबब्बर, दीपक पाराशर और पाकिस्तानी अभिनेत्री सलमा आगा के अभिनय से बनी इस फिल्म का विरोध पाकिस्तान में भी हुआ था। जबकि इस मुद्दे को उठाने के लिए मुस्लिम महिलाएं गुपचुप तरीके से अचला नागर के घर पहुंची थीं।

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तीन तलाक को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ने वाली सुप्रीम कोर्ट की वकील फराह फैज के मामा उमर खैयाम सहारनपुरी ने बीआर चोपड़ा की फिल्म निकाह के लिए धार्मिक मामलों के सलाहकार के तौर पर काम किया था। फरहा ने जनवरी 2016 में तीन तलाक के खिलाफ याचिका दायर की थी।

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