ग्रामीण महिला उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गन्ना विकास विभाग की अनूठी पहल
संजय भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश के 26 जनपदों में इस योजना के अन्तर्गत महिला उद्यमियों के स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया गया था।
लखनऊ: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत ग्रामीण महिला उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनूठी पहल करते हुए यूपी का गन्ना विकास विभाग प्रदेश के 26 गन्ना उत्पादक जिलों में महिला उद्यमियों के स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित कर रहा है। विभाग द्वारा अब तक 145 महिला स्वयं सहायता समूहों में 1339 ग्रामीण महिला उद्यमियों को सीडलिंग के वितरण के लिए नर्सरी तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
गन्ने की नर्सरी तैयार किए जाने के लिए महिलाओं को किया जा रहा प्रशिक्षित
प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय भूसरेड्डी ने मंगलवार को बताया कि गन्ने की खेती में महिला रोजगार सृजन के माध्यम से सेवायोजन के नये द्वार खुलेंगे तथा रोजगार के विकल्प उपलब्ध होने के कारण महिला उद्यमियों का मनोबल भी बढेगा। तथा आय सृजन होने से इस वर्ग के जीवन स्तर मे सुधार आयेगा। और यह वर्ग ग्रामीण स्तर पर ही गरिमामय जीवन यापन कर सकेगा। इस योजना के तहत सभी प्रशिक्षण कार्यों मे कोविड-19 के सम्बन्ध मे जारी गाईड लाईन के अनुसार सोशल व फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश भी दिये गए हैं।
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उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न गन्ना उत्पादक जनपदों के अधिकारियों को ग्रामीण महिला उद्यमियों को स्वावलंबी बनाने के लिए गन्ने की पौध तैयार करने का प्रशिक्षण देने का र्निदेश दिया है। यह महिलाएं ग्रामीण स्तर पर सिंगल बड और बड चिप के माध्यम से गन्ने की नर्सरी तैयार करेंगी तथा पौध की बिक्री कर आय अर्जन कर सकेंगी। भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश मे नकदी फसल के रूप मे गन्नें की खेती बड़े पैमाने पर होती है तथा गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों मे रोजगार की अपार सम्भवनायें विद्यमान है, जिसको देखते हुए ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने के लिए स्वयं सहायता समूह तैयार कर उन्हें सिंगल बड तथा बड चिप के द्वारा गन्ने की नर्सरी तैयार किये जाने के लिए प्रशिक्षित और प्रोत्साहित किया जा रहा है।
प्रदेश के 26 जिलों में महिलाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण- भूसरेड्डी
संजय भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना विकास परिषद एवं चीनी मिलों ने संयुक्त रूप से ग्रामों का चयन करते हुये महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाकर इन समूहों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। प्रदेश के 24 जनपदों में इस योजना के अन्तर्गत महिला उद्यमियों के स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया गया था। परन्तु हाल ही में दो नये जिले गोरखपुर तथा महाराजगंज के जुड़ने से अब कुल 26 गन्ना उत्पादक जनपदों में महिला उद्यमियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
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गन्ना आयुक्त ने बताया कि आवश्यक मशीनें अनुदान के माध्यम से तथा चीनी मिलों से आवश्यक सहयोग लेकर उपलब्ध करायी जायेंगी। एनएफएसएम द्वारा स्थापित प्रर्दशनी मे गन्ने की बुआई महिला सहायता समूह द्वारा तैयार सीडलिंग द्वारा अनिवार्य रूप से की जायेगी। एनएफएसएम के प्राविधानों के अनुसार सीडलिंग उत्पादन के 3.50 रुपये प्रति सीडलिंग के अनुसार अनुदान देय है।