Azam Khan: जानिए रामपुर वाले आज़म खान के बारे में, वो सब जो आपको नहीं पता

Azam Khan Unknown Facts: समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की खूब किरकिरी हो रही है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2022-04-17 16:10 GMT

आज़म खान (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Azam Khan Wikipedia: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में इस समय आज़म खान (Azam Khan) को लेकर बवाल मचा है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर आरोप लग रहे हैं। वहीं, अब इसमें शायर मुनव्वर राना (Munawwar Rana) के भाई राफे राना भी कूद गए हैं। उन्होंने अखिलेश से पूछा कि यदि मुलायम (Mulayam Singh Yadav) जेल में होते तो क्या तब अखिलेश चुप बैठते?

इन सबके बीच जो बड़ा सवाल है वो ये कि आखिर आज़म है क्या चीज? जो उनके लिए अखिलेश की इतनी लानत मलानत हो रही है।

आजम खान-अखिलेश यादव (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कब हुआ आज़म-मुलायम का मिलन

साल था 1985 लोकदल में दो युवा नेता थे, आज़म खान और मुलायम सिंह यादव। आज़म जहां विधायक थे वहीं मुलायम एमएलसी थे। पार्टी एक थी तो मुलाकातें होती थीं, लेकिन कोई खास दिली रिश्ता नहीं था।

29 मई, 1987 को चौधरी चरण सिंह की मृत्यु हुई। लोकदल में विभाजन हुआ और आज़म ने मुलायम का हाथ पकड लिया। मुलायम को लगा कि सीएम बनने में आज़म से बेहतर उनको कोई दूसरा सपोर्ट नहीं कर सकता।

4 अक्तूबर, 1992 को समाजवादी पार्टी का गठन हुआ। अपने राजनैतिक जीवन में आज़म सिर्फ एक बार रामपुर सदर से चुनाव हारे हैं।

2009 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो आज़म का सपा नेता अमर सिंह से विवाद हो गया। ये वो समय था जब पार्टी में अमर सिंह की तूती बोलती थी। 21 मई, 2009 को आज़म की पार्टी से विदाई हो गई।

4 दिसंबर, 2010 को आज़म की पार्टी में वापसी होती है, और मंच पर होता है भरत मिलाप। इस वापसी के बाद आज़म पार्टी में और अधिक ताकतवर हो गए। जिन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव का कार्यकाल देखा है उनको याद होगा कि कई बार प्रोटोकाल को दरकिनार करते हुए आज़म के पास जाते थे सीएम।

आज़म हमेशा विवादित बयान देने के लिए चर्चा में रहते आए हैं। वहीँ 1980 के मुरादाबाद दंगों से लेकर मुजफ्फरनगर दंगों तक इनपर उंगली उठती रही हैं। लेकिन मुलायम हमेशा उनके साथ खड़े रहे।

सपा का रसूख सूबे में हमेशा से मुस्लिम पार्टी वाला रहा है। लेकिन मुस्लिम नेताओं की बात करें तो पार्टी में सिर्फ और सिर्फ आज़म ही नेता रहे। सत्ता में जब भी सपा आई आज़म को उचित सम्मान मिला।

आज आज़म के समर्थक भले कुछ कहें, लेकिन सच ये है कि आज आज़म जो कुछ भी हैं वो मुलायम की ही देन है। सम्मान की बात करी जाए तो अभीतक अखिलेश ने आज़म के लिए कुछ भी नहीं कहा है।

अब देखना ये होगा कि आज़म का अगला कदम क्या होगा। वहीं कयास ये भी है कि आज़म असद्दुदीन ओवैसी के साथ भी जा सकते हैं। 

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