Unnao Rape Case: तिहाड़ जेल में ही रहेंगे कुलदीप सेंगर, जमानत याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई
Unnao Rape Case: पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर साल 2017 में एक नाबालिग लड़की ने अपहरण और रेप का आरोप लगाया था।
Unnao Rape Case: उन्नाव रेप कांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की जमानत याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। मिली जानकारी के मुताबिक, जिस पीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई थी, वह गुरूवार को अनुपस्थित थी। मामले पर सुनवाई अब अगली तारीख पर होगी। सेंगर काफी समय से जमानत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। मार्च में दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर उनकी याचिका पर कोर्ट ने सीबीआई और पीड़ित पक्ष से जवाब तलब किया गया था।
क्या है उन्नाव रेपकांड
उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट से पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर साल 2017 में एक नाबालिग लड़की ने अपहरण और रेप का आरोप लगाया था। मामला सत्ताधारी दल से जुड़ा होने के कारण बवाल मच गया। बाद में मामला बढ़ने के बाद सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। रेप कांड में 20 दिसंबर 2019 को सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।
मामला चल ही रहा था कि इसी दौरान न्यायिक हिरासत में पीड़िता के पिता की मौत हो गई। हत्या का आरोप पूर्व विधायक सेंगर और उनके परिवार वालों पर लगा। इस मामले में सेंगर, उसके भाई और पांच अन्य आरोपियों को 4 मार्च 2020 को 10 साल की सजा सुनाई गई थी।
पीड़िता की कार का हुआ था एक्सीडेंट
उन्नाव रेप कांड की जांच के दौरान साल 2019 में पीड़िता की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे के समय में कार में रेप पीड़िता, परिवार के सदस्य और एक वकील सवार थे। इस हादसे में पीड़िता बाल-बाल बच गई, लेकिन उसके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी। जबकि वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इस घटना के बाद सेंगर और 9 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। परिवार ने पूर्व बीजेपी विधायक पर मामले की साजिश रचने का आरोप लगाया था। हालांकि, इस मामले में बाद में सेंगर बरी हो गए थे।
पीड़िता पर लगा फर्जी दस्तावेज देने का आरोप
उन्नाव रेप कांड की पीड़िता ने अपने नाबालिग होने के सबूत के तौर पर स्कूल का टीसी प्रस्तुत किया था। जिसे ये कहते हुए आरोपी पक्ष के वकील ने खारिज कर दिया कि इसे फर्जी तरीके से तैयार कराया गया है। पीड़िता पर आरोपी पक्ष ने सेंगर को फंसाने का आरोप लगाया। इस मामल में यूपी में रेप पीड़िता के विरूद्ध मुकदमा भी कायम हुआ। हालांकि, दिल्ली महिला आयोग के दखल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के खिलाफ केस को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने का निर्देश दिया।