Chhath Puja 2023: छठ पूजा के अंतिम दिन घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, उगते सूर्य को दिया अर्घ्य

Chhath Puja 2023: उन्नाव से सटे 12 किलोमीटर दूर शुक्लागंज में गंगा माई के तट पर छठ महापर्व मनाया गया। इस मौके पर हजारो की संख्या में महिलाओ ने पवित्र गंगा तट किनारे पूजन अनुष्ठान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया।

Report :  Shaban Malik
Update:2023-11-20 12:20 IST

Chhath Puja 2023 (Newstrack)

Unnao News: आज छठ पूजा के अंतिम दिन यानी आज सोमवार को गंगाघाट स्थिति बालूघाट पर श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की है।  बता दें कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में छठ पूजा महापर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है। व्रती महिलाएं गंगा नदी के किनारे उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी पूजा की है। मान्यता है की भगवान श्रीराम ने भी सीता से विवाह के बाद अयोध्या में राज्याभिषेक के पश्चात् गंगा माई के तट पर छठ माई की पूजा की थी। तब से पुरे भारत में छठ माई का यह पर्व मनाने की परम्परा चली आ रही है। 

महिलाएं अपने सुहाग व बच्चों की दीर्घायु होने की करती हैं प्रार्थना 

छठ पूजा चार दिनों का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आज छठ पूजा का अंतिम और चौथे दिन को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व समापन हो गया। छठ पूजा में महिलाएं अपने सुहाग और बच्चों के लिए दीर्घायु होने की प्रार्थना करती हैं। छठ पूजा का चौथा दिन और अंतिम दिन बेहद खास होता है। इस दिन सुबह के समय व्रती महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। महिलाएं टोकरी में फल, ठेकुआ, चावल के लड्डू का प्रसाद बांस की टोकरी में सजाती हैं।

उन्नाव से सटे 12 किलोमीटर दूर शुक्लागंज में गंगा माई के तट पर छठ महापर्व मनाया गया। इस मौके पर हजारो की संख्या में महिलाओ ने पवित्र गंगा तट किनारे पूजन अनुष्ठान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया। सूर्य के दर्शन के दौरान महिलाओं ने गन्ना, सेब, अमरूद, अनार, केला, अनानास समेत तमाम मौसमी फल छठ मइया को समर्पित किए। गंगा नदी में कमर तक जल में खड़े होकर व्रतधारी महिलाओं ने अस्तगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देकर उनसे अपने सुहाग और पुत्रों को लंबी आयु मांगी।

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