Unnao News: ब्राह्मण बंधुआ मजदूर नहीं, गुण-दोष के आधार पर करेगा समर्थन- मनोज कुमार पाण्डेय

Unnao News: उन्होंने कहा कि देश ने सदैव जोड़ने वाले लोगों का इतिहास स्वीकार किया है तोड़ने वाले लोगों को इतिहास ने कभी कोई तबज्जो नहीं दिया।

Update:2023-08-27 21:14 IST
Manoj Kumar Pandey addressed the program as the chief guest at Brahmin conference

Unnao News: ऊंचाहार विधायक और विधान मंडल दल के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पाण्डेय ने रविवार को उन्नाव में आयोजित विशाल ब्राम्हण सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि आजादी के महानायक चन्द्रशेखर आजाद, द्रोणाचार्य की तपोस्थली रही। राजहंस अलबेला फक्कड़ दास, लल्लू बाजपेयी जैसे महान कलाकार भी इस पावन भूमि पर जन्म लिया है। आश्चर्य होता है जब कुछ चंद लोग अपनी राजनीति को चमकाने के लिए इस समाज के ऊपर टिप्पणी करने से नहीं चूकते। ऐसे लोगों से आग्रह है कि तोड़ने की जगह जोड़ने की ओर बढ़े। इतिहास अमिट है और अविस्मरणीय भी। यह समाज जहां चाणक्य, भारद्वाज, दधीचि, भ्रंग, वशिष्ट अगस्त, कश्यप, अत्रि और पुलस्ति के रूप में सम्पूर्ण सृष्टि के लिए काम किया है। वहीं देश की आजादी में 1857 के नायक मंगल पाण्डेय, चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, बाल गंगा धर तिलक, सुभाष चन्द्रबोस और राज गुरू तांत्या टोपे के बलिदान को कैसे भूल सकता है।

17 प्रतिशत आबादी की ताकत दिखाने का वक्त आ गया है-मनोज

उन्होंने कहा कि देश ने सदैव जोड़ने वाले लोगों का इतिहास स्वीकार किया है तोड़ने वाले लोगों को इतिहास ने कभी कोई तबज्जो नहीं दिया। अब केवल बुद्धिमत्ता से काम नहीं चलेगा, बल्कि लोकतंत्र में जब सर और संख्या गिनी जा रही है तो हमको अपनी एकजुटता के बल पर प्रदेश की 17 प्रतिशत आबादी की ताकत को भी याद दिलाना होगा।

मनोज पाण्डेय ने कहा कि कुछ लोग हमारी सहिष्णुता और उदारता को हमारी कमजोरी व कमी को मानने की भूल न करें। अब हम राजनीतिक फैसले भी सरकारों के पांच साल के कार्यों को आकलन कर गुण और दोष के आधार पर सीखें।

सामानता का जीता जागता उदाहरण ब्राम्हण समाज-मनोज

उन्होंने कहा कि सामानता का जीता जागता उदाहरण ब्राम्हण समाज है। आज से प्रत्येक समाज का सक्षम व्यक्ति एक गरीब बच्चे की पूरी शिक्षा का जिम्मा ले। उन्होंने कहा कि उन्नाव से हम 5 बच्चों की पूर्ण शिक्षा कराये जाने का वीणा उठाते हैं। समाज के हर सक्षम व्यक्ति को गरीब बच्चों को पढ़ाने-लिखाने का उठानी चाहि।

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