UP 69000 Shikshak Bharti: पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा ने की बैठक, इन विषयों पर हुई चर्चा
UP 69000 Shikshak Bharti: 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि यदि लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच से आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला नहीं आया तो लखनऊ हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश को तुरंत अगली बेंच में चैलेंज किया जाएगा।
UP 69000 Shikshak Bharti: आज लखनऊ निशातगंज स्थित गोमती रिवरफ्रंट के किनारे 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के साथ पिछडा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप एवं संरक्षक भास्कर सिंह यादव के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि यदि लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच से आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला नहीं आया तो लखनऊ हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश को तुरंत अगली बेंच में चैलेंज किया जाएगा।
घोटाले में बेसिक शिक्षा मंत्री, बड़े अधिकारी लिप्त है
बैठक को संबोधित करते हुए पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप ने कहा कि इस 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग ओबीसी तथा एससी वर्ग की 19000 से अधिक सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। तथा इस घोटाले में पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी सहित बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव प्रताप सिंह बघेल एवं स्कूली बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद इस घोटाले में लिप्त है। यही कारण रहा की अधिकारियों ने इस 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की मूल चयन सूची नहीं बनाई। इस भर्ती प्रक्रिया को जिला आवंटन सूची पर संपन्न करा दिया। जिसमें अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटिगरी तथा सबकैटिगरी आदि को छुपा लिया गया। जबकि प्रत्येक भर्ती की एक मूल चयन सूची बनाई जाती है। जिसमें अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटागिरी, सबकैटिगरी को दर्शाया जाता है। लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन किया गया। अधिकारियों तथा पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री की आपसी मिलीभगत से आरक्षित वर्ग की 19 हजार से अधिक सीटों पर आरक्षण का घोटाला कर दिया गया। लेकिन आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी शांत नहीं बैठेंगे। अपने हक के लिए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।
19000 आरक्षण के रापेक्ष निकाले गए 6800 की लिस्ट
पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह यादव का कहना है कि इस भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। लेकिन सरकार ने 19000 आरक्षण घोटाले के सापेक्ष 6800 की एक लिस्ट निकाली। जो पूरी तरह से गलत है। निकाली गई इस लिस्ट का शासनादेश महिलाओं तथा दिव्यांगों का है। इसमें कई अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग के भी शामिल है। यही कारण रहा कि इस लिस्ट पर लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 27 जनवरी को स्टे लगा दिया। वहीं दूसरी तरफ लखनऊ डबल बेंच ने भी मार्च 2022 में लखनऊ हाई कोर्ट के स्टे को सही मानते हुए स्टे हटाने से इंकार कर दिया। डबल बेंच का स्पष्ट कहना है कि 1 सीट पर 2 अभ्यर्थी नियुक्त नहीं हो सकते। क्योंकि यह आर्टिकल 16 का उल्लंघन है। यह भर्ती सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संपन्न हो रही है। ऐसी स्थिति में इस भर्ती में 69000 से एक भी अतिरिक्त पद नहीं जोड़ा जा सकता।
ये था पूरा मामला
इस भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत की जगह 3.80 प्रतिशत एवं एससी वर्ग को 21 प्रतिशत की जगह मात्र 16.2 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। जो पूरी तरह से गलत है। यही कारण रहा कि लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में 3 साल तक चले मुकदमे की 40 सुनवाई के बाद जस्टिस ओपी शुक्ला ने 8 दिसंबर को आरक्षण घोटाले का यह मुद्दा रिजर्व कर लिया है।
गलत तरीके से चयनित अभ्यर्थियों को बाहर किया जाए
पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश चौधरी का स्पष्ट कहना है, कि सरकार या तो इस भर्ती में आरक्षित वर्ग के सभी अभ्यर्थियों को याची लाभ देकर इस मामले का निस्तारण करें या 19000 सीटों पर जो आरक्षण घोटाला हुआ है वह सभी सीटें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को वापस की जाएं तथा गलत तरीके से चयनित किए गए सभी अभ्यर्थियों को इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया जाए।
ओवरलैपिंग में हुई गड़बड़ी
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी के मात्र 13007 अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग कराई गई है। जबकि 28000 अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग कराई जानी थी। ठीक इसी प्रकार 4000 के आसपास एससी वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग रोकी गई है जो पूरी तरह से गलत है l
24 जनवरी को बेसिक शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण मीटिंग है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट से उत्तर कुंजी विवाद पर 1 अंक का याची लाभ प्राप्त कर चुके हैं। अभ्यर्थियों को थर्ड काउंसलिंग की कट ऑफ से नियुक्ति दी जाएगी। इस पर चर्चा होने की पूरी संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर कुंजी विवाद पर 1 अंक प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों से 10 जनवरी से लेकर 19 जनवरी तक लगभग 3000 प्रत्यावेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं। जिनके आधार पर रिजल्ट को संशोधित कर अभ्यर्थियों को थर्ड काउंसलिंग की कट ऑफ से नियुक्ति दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने हाईकोर्ट से इन सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के लिए 2 महीने का समय लिया था। जो 8 फरवरी को पूरा हो रहा है।
बैठक मे ये रहे मैजूद
बैठक में भास्कर सिंह यादव , सुशील कश्यप, पुष्पेंद्र सिंह जेलर, रामविलास यादव, रवि निषाद, बीपी डिसूजा, शैलेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार सहित काफी संख्या में अभ्यर्थी मौजूद रहे l