UP By Election: बसपा का नहीं खुला खाता, मगर यूपी की तीन सीटों पर बहन जी ने बिगाड़ दिया सपा का खेल
UP By Election: प्रदेश की फूलपुर, कटेहरी और मझवां विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी की हार में बसपा की बड़ी भूमिका रही।
UP By Election: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी का प्रदर्शन काफी शर्मनाक रहा है। चुनाव के नतीजे से साबित हो गया है कि बसपा का जनाधार लगातार खिसकता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के साथ ही पार्टी ने झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारे थे मगर पार्टी का कहीं खाता नहीं खुल सका है। बसपा को लगे इस झटके के बाद पार्टी के सियासी वजूद पर भी सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं।
उत्तर प्रदेश में बसपा भले ही एक भी सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो सकी मगर तीन विधानसभा सीटों पर बसपा ने समाजवादी पार्टी का खेल जरूर बिगाड़ दिया। प्रदेश की फूलपुर, कटेहरी और मझवां विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी की हार में बसपा की बड़ी भूमिका रही।
उपचुनाव में प्रचार से मायावती ने बनाई दूरी
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने लंबे समय बाद उपचुनाव में उतरने का फैसला किया था मगर वे पार्टी प्रत्याशियों के प्रचार के लिए नहीं पहुंचीं। उपचुनाव के दौरान उन्होंने किसी भी क्षेत्र में कोई चुनावी सभा नहीं की। इस कारण उनके प्रत्याशी मुश्किल में फंसे हुए दिखे। उनके भतीजे और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने भी उपचुनाव से दूरी बनाए रखी। उपचुनाव के दौरान भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य नेताओं ने पूरा जोर लगाया। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी अपनी पार्टी के प्रत्याशियों की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए सक्रिय दिखे मगर मायावती पूरी तरह निष्क्रिय बनी रहीं।
सियासी जानकारों का कहना है कि मायावती की सोशल इंजीनियरिंग फेल होने का एक बड़ा कारण उनकी घटती हुई सक्रियता है। इसी कारण दलित वोट बैंक में दूसरे दलों ने सेंधमारी कर ली है और मुस्लिम भी अब सपा और कांग्रेस गठबंधन के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं।
तीन सीटों पर बसपा ने बिगाड़ा सपा का खेल
उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी का कोई भी प्रत्याशी दूसरे नंबर पर भी नहीं पहुंच सका। दो सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी पांचवें नंबर पर रहे जबकि सात सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। वैसे प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुई वोटिंग को देखा जाए तो बसपा भले ही एक भी सीट नहीं जीत सकी मगर तीन सीटों पर पार्टी ने सपा प्रत्याशियों का खेल जरूर बिगाड़ दिया। दरअसल फूलपुर, कटेहरी और मझवां विधानसभा सीटों पर भाजपा ने जितने वोटों के अंतर से सपा पर जीत हासिल की है, उससे कहीं अधिक वोट बसपा प्रत्याशियों को मिले हैं।
कटेहरी में बसपा प्रत्याशी को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं। बसपा प्रत्याशी अमित वर्मा ने इस सीट पर 41,647 वोट हासिल किए हैं जबकि सपा को भाजपा प्रत्याशी के मुकाबले 34,514 वोटों से हार मिली है।
इसी तरह फूलपुर विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी जितेंद्र कुमार सिंह ने 20,342 वोट हासिल करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया है इस सीट पर भाजपा को सपा के मुकाबले 11,305 वोटों से जीत मिली है।
मझवां विधानसभा क्षेत्र में इस बार काफी कड़ा मुकाबला हुआ है। बसपा प्रत्याशी दीपक को इस सीट पर 34,927 वोट मिले हैं। इस सीट पर भाजपा की शुचिस्मिता मौर्य ने 4922 वोटों से जीत हासिल की है। इस तरह बसपा भले ही एक भी सीट नहीं हासिल कर सकी मगर पार्टी ने तीन सीटों पर सपा का खेल जरूर बिगाड़ दिया है।
महाराष्ट्र और झारखंड में भी घट गया बसपा का वोट
वैसे उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव में भी बसपा को करारा झटका लगा है। दोनों ही राज्यों में बसपा को मिलने वाले वोटो में कमी दर्ज की गई है। महाराष्ट्र में बसपा को पहले पांच लाख से अधिक वोट मिले थे मगर इस बार पार्टी के वोट घटकर तीन लाख पर पहुंच गए हैं। इसी तरह झारखंड में बसपा ने पहले 2.31 लाख वोट हासिल किए थे मगर इस बार पार्टी प्रत्याशी सिर्फ 1.40 लाख ही वोट हासिल कर सके।
मायावती ने उत्तर प्रदेश में भले ही चुनाव प्रचार न किया हो मगर वे महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावी सभाएं करने के लिए पहुंची थीं। इसके बावजूद बसपा को मतदाताओं का अपेक्षित समर्थन नहीं मिल सका है। इस कारण अब आने वाले दिनों में बसपा मुखिया मायावती के सियासी राह काफी मुश्किल मानी जा रही है।