UP Teacher Recruitment Scam: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले मे फैसला सुरक्षित, दोहरा आरक्षण देने का है आरोप
UP Teacher Recruitment Scam: लखनऊ हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में जस्टिस ओपी शुक्ला ने सुनवाई के बाद आर्डर को रिजर्व कर लिया तथा सभी अधिवक्ताओं को 1 सप्ताह के अंदर रिटन सबमिशन दाखिल करने को कहा है l
UP Teacher Recruitment Scam: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मे 19000 सीटों पर आरक्षण घोटाले का मामला आज लखनऊ हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में जस्टिस ओपी शुक्ला ने सुनवाई के बाद आर्डर को रिजर्व कर लिया तथा सभी अधिवक्ताओं को 1 सप्ताह के अंदर लिखित रूप से दाखिल करने को कहा है l आर्डर रिजर्व होने से पहले बहस के दौरान आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की तरफ से सीनियर अधिवक्ता सुदीप सेठ एवं बुलबुल गोदियाल ने जस्टिस ओपी शुक्ला को बताया कि इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन करते हुए इस भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी तथा एससी वर्ग को क्रमशः 27% आरक्षण की जगह मात्र 3.80% एवं एससी वर्ग को 21% आरक्षण की जगह 16.2% आरक्षण ही दिया गया है जो पूरी तरह से गलत है और इस प्रकार इस भर्ती प्रक्रिया में 19000 से अधिक सीटों पर आरक्षण का घोटाला किया गया है तथा इस भर्ती प्रक्रिया में 19000 से अधिक आरक्षित वर्ग के वह सभी अभ्यर्थी जिन्हें इस भर्ती प्रक्रिया में चयन का हिस्सा होना चाहिए था उन्हें इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर उन्हें इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया बल्कि उनकी जगह अन्य अभ्यर्थियों को गलत तरीके से चयनित कर दिया गया जो पूरी तरह से गलत है l
जस्टिस ओपी शुक्ला ने आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की तरफ से बहस कर रहे अधिवक्ता सुदीप सेट एवं बुलबुल गोदियाल के तर्क से सहमत हुई तथा उनके द्वारा कोर्ट को आरक्षण घोटाले से संबंधित उपलब्ध कराए गए समस्त डाटा को ऑन रिकॉर्ड लिया l
आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की तरफ से सीनियर अधिवक्ता सुदीप सेठ एवं सीनियर अधिवक्ता बुलबुल गोदियाल ने बहस के दौरान जस्टिस ओपी शुक्ला को स्पष्ट रूप से बताया कि 19000 आरक्षण घोटाले के सापेक्ष सरकार द्वारा 6800 की जो लिस्ट निकाली गई है उस लिस्ट का शासनादेश पूरी तरह से गलत है और उस शासनादेश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि 6800 की लिस्ट ओबीसी तथा एससी वर्ग के अभ्यर्थियों की ना होकर महिलाओं तथा दिव्यांगों की लिस्ट है। तथा उस लिस्ट पर लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच एवं डबल बेंच पूरी तरह से स्टे लगा चुकी है तथा लखनऊ डबल बेंच ने स्पष्ट रूप से अपने स्टे आदेश में लिखा है कि एक पद पर 2 अभ्यर्थी चयनित नहीं हो सकते तथा यह भर्ती प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संपन्न हो रही है ऐसी स्थिति में यह भर्ती प्रक्रिया 69000 से अधिक एक भी अतिरिक्त पद पर संपन्न नहीं होगी तथा जब तक इस भर्ती प्रक्रिया में जितने भी गलत तरीके से अभ्यर्थियों को चयनित कर लिया गया है उन सभी को बाहर करके उनकी जगह आने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सम्मिलित नहीं किया जाएगा तब तक यह भर्ती प्रक्रिया संपन्न नहीं हो सकती l
पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप एवं संरक्षक भास्कर सिंह यादव का स्पष्ट रूप से कहना है कि यदि सरकार द्वारा इस भर्ती प्रक्रिया में हाई कोर्ट में अपने न्याय के लिए लड़ रहे आरक्षित वर्ग के सभी पीड़ित अभ्यर्थियों को सरकार द्वारा न्याय नहीं दिया गया तो वह डबल बेंच का एवं सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और वह इस प्रक्रिया में न्याय पाने के लिए तब तक लड़ेंगे जब तक उनको न्याय नहीं मिल जाता l