देश में सर्वाधिक कोरोना टेस्ट करने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश

कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप इलाज संभव कराने के उद्देश्य से सीएम योगी ने गौतमबुद्धनगर का भ्रमण किया।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-05-16 22:34 IST

फोटो— मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (साभार— सोशल मीडिया)

नोएडा। बढ़ते हुये कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने एवं कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप इलाज संभव कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को जनपद गौतमबुद्धनगर का भ्रमण किया। अपने भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने कोरोना के संक्रमण को रोकने एवं संक्रमित व्यक्तियों को इलाज संभव कराने के लिए जहां एक ओर एनटीपीसी सेक्टर 16ए नोएडा के सभागार में अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। वहीं दूसरी ओर वैक्सीनेशन कार्यक्रम एवं मेडिकल किट वितरण व मरीजों को मिल रहे इलाज के सम्बन्ध में इन्दिरा गांधी कला केन्द्र सेक्टर-6 नोएडा, कोविड केयर सेन्टर सेक्टर 45 एवं ग्राम छपरौली के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण करते हुये रियल्टी चेक किया।

सभागार में अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि महामारी के इस दौर में सभी आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुए कोरोना के संक्रमण को रोकने एवं मरीजों का इलाज प्रोटोकाल के अनुरूप संभव कराने के लिए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ऐसा संज्ञान में आ रहा है कि कुछ एक प्राइवेट अस्पताल एवं प्राइवेट कोरोना टेस्टिंग लैब महामारी के इस दौर में लूट के केन्द्र बन चुके है। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे प्राइवेट अस्पताल एवं लैब को चिन्हित करते हुए उनपर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।


इस मौके पर अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल, कोविड-19 के नोडल अधिकारी नरेन्द्र भूषण, पुलिस कमिश्नर आलोक सिह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा रितु माहेश्वरी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना विकास प्राधिकरण डॉ. अरुणवीर सिह, जिलाधिकारी सुहास एलवाई, मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. दीपक ओहरी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिवाकर सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वंदिता श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

महिला एवं बच्चों के लिए अलग से चिकित्सालय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि महिला एवं बच्चों के लिए जनपद में अलग से चिकित्सालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। वहीं दूसरी ओर नॉन कोविड अस्पताल की शुरुआत करते हुये चिकित्सकों के द्बारा टैली सुविधा के माध्यम से अन्य बीमारियों के बारे में नागरिकों को लाभ पहुंचाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। बैठक में उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में व्यापक शक्ति एवं कोरोना कर्फ्यू को शक्ति के साथ जनपद में लागू कराया जाए, ताकि नागरिकों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके।

निगरानी समितियां अधिक सक्रियता से करें काम

उन्होंने यह भी स्पष्ट निर्देश दिये कि सभी कोविड अस्पतालों के डाक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के द्बारा निरन्तर स्तर पर मरीजों को इलाज संभव कराया जाए। उन्होंने निगरानी समितियों को और अधिक सक्रिय करते हुए, लक्षण युक्त व्यक्तियों को चिन्हित करते हुये उन्हें कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप इलाज संभव कराने की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाए। बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री के द्बारा मीडिया बन्धुओं के लिए संचालित किये जा रहे वैक्सीनेशन सेंटर इन्दिरा गांधी कला केन्द्र पर पहुंच कर स्थलीय निरीक्षण करते हुये वैक्सीनेशन कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

कोविड केयर सेंटर व गांवों का किया निरीक्षण

बैठक के उपरान्त मुख्यमंत्री ने सेक्टर 45 नोएडा में कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीजों से बात करते हुए मिल रही सुविधाओं की गहनता के साथ जांच पड़ताल की। इसके बाद वह ग्राम छपरौली के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचे। जहां पर उन्होंने कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किये। ग्राम छपरौली में भी सुरेश चौहान के बेटे जो घर में होम आइसोलेशन में है, उनसे मुलाकात करते हुए स्वास्थ्य विभाग द्बारा दी गयी सुविधाओं के सम्बन्ध में रियल्टी जांच की। इसमें सम्बन्धित मरीज को मेडिकल किट मिलना एवं डाक्टर्स के द्बारा दिन में दो बार जांच करने के तथ्य प्रकाश में आए।

पाजिटिविटी दर घटकर पहुंची 4.8 प्रतिशत

अप्रैल में पॉजीटिविटी दर 16.33 प्रतिशत थी, जो तेजी से घटकर अब 4.8 प्रतिशत हो गयी है। वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि हमारे कोविड प्रबंधन कार्यों की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन, नीति आयोग व बम्बई उच्च न्यायालय ने की है। राज्य सरकार कोरोना टेस्टिंग तथा उपचार की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध करा रही है। प्रदेश में नि:शुल्क कोविड वैक्सीनेशन अभियान पूरी सक्रियता से संचालित है। उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक कोरोना टेस्ट करने वाला राज्य है। प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 2.5 लाख टेस्ट किये जा रहे है। राज्य ने एक दिन में रिकॉर्ड 2.97 लाख टेस्ट किये है। टेस्टिंग संख्या में निरंतर वृद्बि के लिये प्रयोगशालाओं की क्षमता बढ़ायी जा रही हैं। सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में एल-1, एल-2 तथा एल-3 बेड़ उपलब्ध हैं।

प्रदेश में 80 हजार ऑक्सीजन युक्त बेड

बीते 1 मार्च को 17325 बेड़ की उपलब्धता की तुलना में आज प्रदेश में 80 हजार ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं। कहीं भी बेड की कोई समस्या नहीं है। राज्य सरकार सभी जिलों में ऑक्सीजन की अनवरत उपलब्धता सुनिश्चित करा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 1080 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। सभी जिलों में 72 घंटे से अधिक की रिजर्व ऑक्सीजन उपलब्ध है। ऑक्सीजन के सुचारू परिवहन के लिए क्रायोजेनिक टैंकर की व्यवस्था के लिए ग्लोबल टेंडर किया गया है। प्रदेश में ऑक्सीजन टैंकर की ऑनलाइन ट्रैकिंग व्यवस्था लागू है, जिसकी सराहना नीति आयोग ने की है।

5 नए जनपदों के साथ 23 जिलों में युवाओं का वैक्सीनेशन

प्रदेश में नि:शुल्क कोविड टीकाकरण अभियान संचालित है। इसके तहत केंद्र सरकार द्बारा 45 वर्ष से अधिक आयु तथा राज्य सरकार द्बारा 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के लोगों का नि:शुल्क टीकाकरण कराया जा रहा है। इस आयुवर्ग का टीकाकरण वर्तमान में 18 जनपदों में संचालित हैं, जिसे कल 17 मई से 5 अन्य जनपदों में संचालित किया जाएगा। इस प्रकार 23 जिलों में युवाओं का वैक्सीनेशन होने लगेगा। उत्तर प्रदेश कोविड वैक्सीनेशन करने वाला अग्रणी राज्य है। वैक्सीन की सुचारू उपलब्धता बनाये रखने के लिए, उत्तर प्रदेश ग्लोबल टेंडर करने वाला पहला राज्य है।

8000 रैपिड टीम गांवों में जाकर कर रही टेस्टिंग

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा में रविवार को वैक्सीनेशन सेंटर का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा उत्तर प्रदेश में अब तक डेढ़ करोड लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में एक्टिव केस घट रहे हैं। 8000 रैपिड टीम गांव में जाकर टेस्टिंग का काम कर रही हैं। सीटी स्कैन के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। यूपी में वैक्सीनेशन का काम तेज किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन की तैयारी की गई है। गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों में वैक्सीन लगाई जाएगी। गांवों में तमाम लोग रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते हैं। वह कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।


गांव में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। रैपिड टीमें गांव-गांव जाकर जांच कर रही है। कोरोना की पहली लहर में गांव में अधिक मामले नहीं आए थे। इस बार गांव में कोरोना के मामले बढ़े हैं। प्रदेश सरकार संक्रमण रोकने में सक्षम है। अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम है। तीसरी लहर के लिए भी प्रदेश सरकार तैयार है। अस्पतालों में व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में करीब 10000 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं।

मेडिकल किट प्रदेश के हर परिवार तक पहुंचेगी। गांव में संक्रमण रोकना हीं प्रदेश सरकार का पहला लक्ष्य है। टीकाकरण में और तेजी आएगी। गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने पर जो दिया जा रहा है। इसमें मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को जोड़ा जा रहा है, वायरस से निपटने के लिए उपाय बताए जाएंगे। आठ हजार लोगों की रैपिड रिस्पांस टीम खुद लोगों के घर तक जाकर टेस्ट कर रही है।

तीसरी वेव की तैयारी में जुटा प्रशासन

प्रदेश में अबतक 1.5 करोड़ लोगों को टीका लग चुका है। कल से 23 जिलों में टीकाकरण का विशेष अभियान चलेगा। 350 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस है। तीसरी वेव को देखते हुए महिला और बच्चों के लिए 102 एंबुलेंस कार्य करेगी। हर अस्पताल में अलग से 15 बेड लगाएं गए हैं। इसमें ग्रामीण इलाकों को जोड़ते हुए सीएचसी को भी जोड़ा गया है।

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