UP बोर्ड में बदलाव, पढ़ाई का सिस्टम, कोर्स और सुविधाओं में होगा सुधार

माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड में कुछ बदलाव होने जा रहा है। यहां के वर्षों पुराने पाठ्यक्रम में तब्दीली के साथ ही सुविधाएं उपलब्ध कराने का तरीका बदल रहा है। जिससे छात्रों और पेरेंट्स को बेवजह की भागदौड़ न करनी पड़े और सारी सुविधाएं उन्हें घर बैठे उपलब्ध हो जाएं। इसके लिए बोर्ड मुख्यालय से लेकर पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों में प्रक्रिया शुरू है।

Update: 2017-09-27 09:05 GMT

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड में कुछ बदलाव होने जा रहा है। यहां के वर्षों पुराने पाठ्यक्रम में तब्दीली के साथ ही सुविधाएं उपलब्ध कराने का तरीका बदल रहा है। जिससे छात्रों और पेरेंट्स को बेवजह की भागदौड़ न करनी पड़े और सारी सुविधाएं उन्हें घर बैठे उपलब्ध हो जाएं। इसके लिए बोर्ड मुख्यालय से लेकर पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों में प्रक्रिया शुरू है।

यूपी बोर्ड के माध्यम से समान शिक्षा की मुहिम को जोर पकड़ाने की तैयारी है। यूपी सरकार ने सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम बदलने का निर्देश दिया। विशेषज्ञों ने जुलाई और अगस्त में दो चरणों में यह कार्य पूरा कर लिया है। यूपी सरकार ने भी पाठ्यक्रम में हुए 70% से अधिक के बदलाव को मंजूरी दी है। अब इसे एनसीईआरटी को भेजा जा रहा है।

दिसंबर में मुहैया होंगी किताबें

वहां से अनुमोदन के बाद इसी साल दिसंबर तक किताबें बाजार में उपलब्ध होंगी। ताकि अप्रैल से शुरू होने वाले सेशन में पढ़ाई की समस्या न रहे। इसी तरह से बोर्ड के शैक्षिक रिकॉर्डों का डिजिटाइजेशन होना है। 1970 के बाद से लेकर 2003 तक के सारे अभिलेख डिजिटाइज फार्म में होंगे। यूपी सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इसका प्रस्ताव भेजा जा रहा है। इस पर अनुमोदन के बाद कार्य शुरू होना है।

पिछले महीनों में यूपी सरकार और परिषद के अफसरों की लखनऊ में बैठक हुई थी, उसमें करीब दो दर्जन से अधिक कार्यों को समयबद्ध तरीके से निपटाने को कहा गया। यूपी सरकार ने हर कार्य पूरा करने की समय सारिणी भी जारी की है। इसमें परीक्षा केंद्र बनाने से लेकर अध्यापकों के चयन का जिक्र किया गया है। इसी के लिहाज से सारे कार्य हो रहे हैं। अगले माह तक डुप्लीकेट अंक और प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए छात्रों और उनके परिजनों को बोर्ड मुख्यालय या फिर क्षेत्रीय कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। बल्कि ऑनलाइन आवेदन के बाद वह ऑनलाइन ही जारी किए जाएंगे।

अगस्त में पूरा करने का लक्ष्य

साथ ही अभिलेख डिजिटाइज होने से उनमें हेरफेर की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी। यह कार्य अगले साल अगस्त में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। हाईस्कूल और 12वीं परीक्षा की फीस भी ऑनलाइन जमा करने के निर्देश जारी हुए हैं। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव कहतीं हैं कि शासन और परिषद अध्यक्ष ने साल भर के हर कार्य को पूरा होने की समय सीमा निर्धारित की है, उसे पूरा करने पर हम सब जुटे हैं। जल्द ही बदलाव का सबको अहसास होगा।

इन कार्यों का बना टाइम टेबल

-यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं के सभी शैक्षिक अभिलेख डिजिटाइज होंगे।

-स्कूलों में प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों के खाली पदों पर चयन।

-ऑनलाइन डुप्लीकेट अंक और प्रमाणपत्र की ऑनलाइन व्यवस्था।

-राजकीय मॉडल इंटर कॉलेजों में पद सृजन से लेकर उनका संचालन।

-ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों का निर्धारण और नकल पर प्रभावी अंकुश लगाना।

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