UP News: बोर्ड एक्जामनर्स को मिलते हैं हर कॉपी जांचने के इतने रूपए, जानकर होगी हैरानी

UP News: कॉपियों के सही मूल्यांकन के लिए लंबी-चौड़ी व्यवस्था की जाती है। लेकिन बच्चों की कॉपी जांचने वाले एक्जामनर्स का पारिश्रमिक अभी भी काफी कम बताया जाता है।

Update:2023-03-14 20:23 IST

UP News: यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं में नकल रोकने और शांतिपूर्वक परीक्षा संपन्न कराने के लिए एक पूरा सिस्टम खड़ा किया जाता है। एग्जाम से लेकर कापियां जांचने तक एक्जामनर्स की पूरी फ़ौज लगाई जाती है। कॉपियों के सही मूल्यांकन के लिए लंबी-चौड़ी व्यवस्था की जाती है। लेकिन बच्चों की कॉपी जांचने वाले एक्जामनर्स का पारिश्रमिक अभी भी काफी कम बताया जाता है। इसके मेहनताने की दर ऐसी है, जिसमें उनके व्यय का गुजारा होना भी मुश्किल होता है।

कन्वेंस, जलपान और एक कॉपी जांचने पर मिलते हैं इतने

बच्चों की कॉपी जांचने में 10 घंटे सिर खपाने वाले एक्जामनर्स को हाईस्कूल की एक कॉपी के लिए 11 रूपए मिलते हैं। जबकि इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिका के लिए उन्हें 13 रूपए दिया जाता है। इसी तरह उन्हें मूल्यांकन केंद्र तक पहुंचने के लिए 27 रूपए यात्रा भाड़ा दिया जाता है। कुछ एक्जामनर्स कहते हैं कि अगर आपका मूल्यांकन केंद्र घर से दूर है तो इतने में कोई ऑटो वाला चलने को तैयार नहीं होता है। अगर अपना वाहन है, तो 27 रूपए का पेट्रोल डलाने पर, वो जाने से वापस लौटने तक में दगा दे जाएगा। यानी अपनी जेब से पैसा लगाकर उन्हें आना-जाना पड़ता है। इतना ही नहीं, बोर्ड की तरफ से उन्हें जलपान का व्यय भी दिया जाता है। यह व्यय 20 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से मिलता है। यानी, दो चाय भर पी और उसी को नाश्ता मानकर एक्जामनर्स अपना दिन गुजार देते हैं। कुल मिलाकर यूपी बोर्ड अपने एक परीक्षक पर प्रतिदिन करीब 58 रूपए खर्च करता है। हालांकि, सीबीएसइ बोर्ड की हालत इससे कुछ बेहतर है। इसकी कॉपियां जांचने पर हाईस्कूल के लिए 25 रूपए, इंटरमीडिएट के लिए 30 रूपए और कन्वेंस के तौर पर यह केंद्रीय बोर्ड उन्हें 250 रूपए देता है। यानी सीबीएसई अपने एक्जामनर्स पर रोजाना करीब 350 रूपए खर्च करता है।

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