UP Budget 2022: बेटियों की शादी के लिए CM योगी ने किया 600 करोड़ का ऐलान, महिलाओं के लिए बजट में बहुत कुछ
UP Budget 2022: निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रूपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है।
UP Budget 2022: उत्तर प्रदेश के योगी सरकार 2.0 का पहला बजट विधानसभा में पेश किया गया। इसमें महिलाओं की सुरक्षा से लेकर युवाओं के लिये बजट तय किये गए। वही सामाजिक सुरक्षा के संकल्प से लेकर श्रमिक एवं स्ट्रीट वेण्डर के लिए बजट बनाए गए हैं ।
● वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी की पेंशन की राशि को बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से लगभग 56 लाख वृद्धजन को पेंशन प्रदान की जा रही है।
● उपरोक्त योजना हेतु 7053 करोड़ 56 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रूपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में इस 12 योजना के अन्तर्गत 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया।
● वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना हेतु 4032 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान की धनराशि जो वर्ष 2017 के पूर्व मात्र 300 रूपये प्रतिमाह प्रति व्यक्ति थी, को बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है।
● प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन इससे लाभान्वित हो रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में योजना हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● कुष्ठावस्था विकलांग भरण - पोषण योजना के अन्तर्गत 3000 रूपये प्रति माह की दर से 34 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● मैनुअल स्कॅवेन्जर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना हेतु 01 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● बुजुर्ग पुजारियों, सन्तों एवं पुरोहितों के समग्र कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु बोर्ड के गठन हेतु 01 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
श्रमिक एवं स्ट्रीट वेण्डर
● पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु प्रदेश के 18 मण्डलों में प्रत्येक मण्डल में 01-01 अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही है। इस हेतु 300 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● कामगारों / श्रमिकों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को सुनियोजित ढंग से प्राप्त किये जाने हेतु "उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक ( सेवायोजन और रोजगार ) आयोग " का गठन किया गया है।
● शहरी स्ट्रीट येण्डर्स को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के अन्तर्गत 08 लाख 45 हजार से अधिक स्ट्रीट वेण्डर्स को ऋण वितरित कर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
● प्रदेश के 10 शहरों में 19 मॉडल स्ट्रीट वेण्डिंग जोन्स का विकास किया जा रहा है । शहरी बेघरों के लिये आश्रय योजना के अन्तर्गत 130 शेल्टर होम क्रियाशील किये जा चुके हैं।