गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना व संचालन समेत इन फैसलों पर लगी कैबिनेट की मुहर

यूपी के सभी ग्रामीण व सहरी स्थानीय निकायों, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर निगमो में गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना व संचालन नीति को मंजूरी। सीएम का विशेष आग्रह है कि गोकशी किसी कीमत पर स्वीकार नहीं। निराश्रित गोवंश की समस्या। 1.5 साल से काम कर रहे थे वह पर्याप्त नही हैं।

Update: 2019-01-01 09:22 GMT

लखनऊ: नए वर्ष के पहले दिन आज यूपी कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। सबसे पहले सीएम योगी ने नववर्ष की बधाई दिया। इसके बाद सीएम ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को सौभाग्य योजना से 94 लाख कनेक्शन होने पर बधाई दी।

ये हैं बैठक के अहम फैसले

यूपी पुलिस विभाग और अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को कर्तव्यपरायण के दौरान अपंग होने पर कोई नीति नहीं थी। अब 80 से 100 प्रतिशत तक अपंगता पर 20 लाख 70 से 79 प्रतिशत तक 15 लाख और 50 से 59 प्रतिशत तक 10 लाख की सहायता राशि स्वीकृत की है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि इस तरह की व्यवस्था सिपीएमएफ के लिए केंद्र सरकार ने व्यवस्था की है। राज्य सरकार ने इसका संज्ञान लिया है। इस तरह के दुर्घटनाओं की एफआईआर दर्ज होगी। डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर ये सहायता मिलेगी ।

यूपी सतर्कता अधिष्ठान के 10 सेक्टर को थाना घोषित किया गया है। थाना घोषित नहीं होने की वजह से सम्बंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराने से गोपनीयता भंग होने की संभावना रहती है। अभी तक विजिलेंस विभाग के थाने नहीं थे।

यूपी इंस्टीटूट ऑफ डिज़ाइन के निदेशक के पद पर सीधी भर्ती के आदेश में संसोधन। पहले 20 वर्ष का डिज़ाइन शिल्प या कला क्षेत्र में विवि से अनुभव चाहिए था अब यह घटाकर 15 वर्ष कर दिया गया है। न्यूनतं आयु 45 साल और अधिकतम 55 साल कर दिया गया है।

यूपी के सभी ग्रामीण व सहरी स्थानीय निकायों, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर निगमो में गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना व संचालन नीति को मंजूरी। सीएम का विशेष आग्रह है कि गोकशी किसी कीमत पर स्वीकार नहीं। निराश्रित गोवंश की समस्या। 1.5 साल से काम कर रहे थे वह पर्याप्त नही हैं। हर जीके में गो संरक्षण सदन का निर्माण, बुंदेलखंड को छोड़कर।

जमीन उपलब्ध होने पर मनरेगा, जिला पंचायत, स्थानीय पंचायत, प्रधान निधि से गो संरक्षण सदन का निर्माण होगा। इसके लिय सीएम ने स्थानीय निकाय को 100 करोड़ दिया है। मंडी समिति का 1 फीसदी सेस मिलता था। अब मंडी समिति ने 2 फीसदी सेस की मंजूरी दे दी है। अब 17 की जगह 34 करोड़ मिलेगा। कार्यदाई संस्था सोशल रेस्पॉसिबिलिटी के तहत 0.5 फीसदी सरकार ने देने का निर्देश दिया है। इससे 300 करोड़ से ज्यादा धन मिल सकेगा।

50 जिलो में निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। निर्माण निगम, यूपीएसआईडीसी सहयोग करेगी। हर जनपद में ग्रामीण और नगरीय क्षेत्री में काम से कम 1000 स्थाई आश्रय निर्माण हेतु सहयोग किया जाएगा। केअर टेकर अधिकारी की व्यवस्था। राज्य सरकार द्वारा इनके संचालन की वित्तीय व्यावस आबकारी से 2 फीसदी सेस, सेतु निगम, यूपीडा आदि के लाभ का 0.5 फीसदी गो कल्याण के लिए दिया जाएगा।

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